ओलंपिक हॉकी : भारत क्वार्टर फाइनल में, आयरलैंड को 2-0 से हराया

मनमोहन सिंह

जैसे ही पूल बी में अर्जेंटीना ने न्यूजीलैंड को 2-0 से हराया वैसे ही तीन मैचों में सात अंक लेने वाला भारत क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर गया। इसी पूल में भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा कर पूरे तीन अंक हासिल कर लिए।

कल आयरलैंड के खिलाफ भारत के खेल में काफी सुधर नज़र आया। पहले दो मैचों में हमारी हॉफ लाइन हमलों और मिड फील्ड में सुस्त दिख रही थी पर कल मनप्रीत, हार्दिक, जर्मनप्रीत सभी ने मिड फील्ड को नियंत्रित किया और फॉरवर्ड लाइन को हमले बनाने में मदद की। हालांकि इस मैच में ऊंचे स्कूप कम लगे पर आयरलैंड की डी में स्टीक पासिंग हुई। कम से पांच मौकों पर हमारे फॉरवर्ड उनकी डी में लंबे पासों को नियंत्रित नहीं कर पाए वरना ये स्कोर लाइन कहीं बड़ी होती। तकनीकी तौर पर भारत अब अंतिम आठ में है। अपने पूल में बेल्जियम के बाद वह दूसरे नंबर पर है। कल बेल्जियम ने भी ऑस्ट्रेलिया को 6-2 के बड़े अंतर से परास्त कर पूरे अंक बटोरे। ऑस्ट्रेलिया तीसरे और अर्जेंटीना चौथे स्थान पर है। न्यूजीलैंड और आयरलैंड का कोई अंक नहीं है।
भारत के लिए दोनों गोल हरमनप्रीत ने किए। पहला पेनल्टी स्ट्रोक पर और दूसरा पेनल्टी कॉर्नर पर।इस मैच में भारत ने पेनल्टी कॉर्नर लेते हुए थोड़ा रणनीति को बदलने का भी प्रयास किया है। यहां पेनल्टी कॉर्नर का जो गोल आया उस समय आयरलैंड का एक ही फ्रंट रनर था।इस तरह तीन मैचों में भारत ने जो छह गोल किए उनमें से चार हरमनप्रीत के हैं। इस तरह वो इस ओलंपिक में सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। सभी टीमों को अभी दो दो मैच और खेलने हैं, पर भारत और बेल्जियम आगे निकल चुके हैं।

भारत की चिंता: क्वार्टर फाइनल में आने के बावजूद भारत की दो बड़ी चिंताएं हैं। पहली, भारत फील्ड गोल नहीं कर पा रहा। अभी तक हमारी टीम ने केवल एक फील्ड गोल किया है। दूसरी, गैर ज़रूरी पेनल्टी कॉर्नर देना। कल भी आयरलैंड को दो पेनल्टी कॉर्नर 23 मीटर में जानबूझ कर किए गए फाउल पर मिले। हमारी किस्मत अच्छी थी कि श्रीजेश ने सभी बचा लिए अन्यथा कुछ भी हो सकता था। फील्ड गोल किए बिना बड़ी टीमों के खिलाफ जीत नहीं मिल सकती। अगला मैच बेल्जियम के साथ है। भारत की असली परीक्षा वहां होगी। इसके बाद हमें अपना आखरी मैच ऑस्ट्रेलिया से होगा।