कुल 73 लाख मतदाताओं (जून, 2024 में राजधानी में 72.37 लाख पंजीकृत महिला मतदाता) में से सिर्फ़ 17 लाख महिलाओं को ही दिल्ली सरकार की महिला समृद्धि योजना का लाभ मिलने की संभावना है। 73 लाख मतदाताओं में से 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं की संख्या लगभग 13 लाख है, जो इस योजना से बाहर हो गयी हैं; क्योंकि इस योजना में 18-60 वर्ष की आयु सीमा तय की गयी है। इस तरह इस योजना के लिए पात्र महिलाओं की संख्या घटकर लगभग 60 लाख रह गयी। लेकिन दिल्ली सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री रेखा की अध्यक्षता में एक समिति बनायी है, जो लाभार्थियों के लिए मानदंड तय करेगी। ज़ाहिर है आयकर दाता, पेंशनभोगी और केंद्र व राज्य की योजनाओं की अन्य लाभार्थी महिलाएँ भी इससे बाहर हो जाएँगी। दूसरी बात, सभी मतदाता ज़रूरी नहीं कि दिल्ली के स्थायी निवासी हों और उन्हें जाँच का सामना करना पड़ेगा। यह अनुमान लगाया गया है कि ग़रीबी रेखा से नीचे या आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (बीपीएल या ईडब्ल्यूएस) की वास्तविक ज़रूरतमंद लाभार्थियों की संख्या, मतदाता सूची या जनसंख्या के आधार पर बतायी गयी संख्या से कहीं कम होगी।
समिति द्वारा चुनी गयी सभी पात्र लाभार्थियों को 2,500 रुपये मासिक भत्ता मिलेगा और इसके लिए 5,100 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि निर्धारित की गयी है। दिल्ली सरकार की इस योजना में पारदर्शिता, दक्षता और वित्तीय लाभों के निर्बाध वितरण को सुनिश्चित करने के लिए उन्नत तकनीक का लाभ उठाया जाएगा। अनुमान है कि जाँच और उन्मूलन के बाद वास्तविक लाभार्थी महिलाओं की संख्या सिर्फ़ 17-18 लाख ही रह जाएगी। यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह योजना कबसे लागू होगी; क्योंकि नियमों को ठीक करने और फॉर्म भरने में अभी लंबा समय लगेगा। दरअसल, सरकार को इस योजना को लागू करने की कोई जल्दी भी नहीं है।