तीर्थराज में महाकुंभ के महास्नान को उमड़ा देश-दुनिया का जन ज्वार-जीवनदायिनी गंगा, श्यामल यमुना व पौराणिक सरस्वती के पावन संगम में महाकुंभ के प्रथम अमृत स्नान पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए देश-दुनिया का जन समुद्र उमड़ पड़ा है। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद अब मंगलवार को महाकुंभ का महास्नान शुरू हो चुका है। महानिर्वाणी अखाड़े के अमृत साधु-संत स्नान के लिए जा रहे हैं। नियमों का अनुशरण करते हुए सनातन धर्म के 13 अखाड़ों को अमृत स्नान में स्नान क्रम भी जारी किया गया है।
मकर संक्रांति पर श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने सबसे पहले अमृत स्नान किया। जिसके साथ श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने अमृत स्नान किया। दूसरे स्थान पर श्रीतपोनिधि पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा एवं श्रीपंचायती अखाड़ा आनंद अमृत स्नान किया। तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे, जिसमें श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्रीपंच दशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्रीपंचाग्नि अखाड़ा शामिल हैं।
पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया। साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया।
12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष सुनाई दिए। साधुओं के अमृत स्नान के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था की डुबकी लगाई। संगम के आसपास गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों ओर से देखी गई। इस दौरान सभी ने हर हर महादेव और जय श्री राम के नारों से संगम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। सोमवार शाम से ही महाकुंभ नगर में जन ज्वार आने लगा था, जिसका क्रम देर रात तक चलता रहा। सोमवार को हुए पौष पूर्णिमा पर डुबकी लगाने वाले ज्यादातर श्रद्धालु भी अमृत स्नान करने रुक गए।