नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कंचनजंगा एक्सप्रेस की मालगाड़ी ट्रेन से टक्कर हो गई थी। ये ट्रेन सियालदाह जा रही थी। इस घटना में पैसेंजर ट्रेन के गार्ड और मालगाड़ी के लोको पायलट अनिल कुमार समेत 10 लोगों की मौत हो गई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, अब कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे में जान गंवाने वाले लोको पायलट अनिल कुमार के परिवार को आखिरकार न्याय मिल गया है।
रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (CCRS) की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें 17 जून को हुए हादसे के लिए दोषी नहीं पाया है।अनिल कुमार पर आरोप लगने को लेकर उनकी पत्नी रोशनी कुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ट्रेन हादसे के कुछ ही घंटों के अंदर मेरे पति को दोषी ठहरा दिया गया था। पत्नी ने आगे कहा, हम उनकी मौत का गम भुला नहीं पाए थे, इसके तुरंत बाद ही ट्रेन हादसे के लिए अनिल को मौत का जिम्मेदार ठहराने के बाद हम सदमे में आ गए थे। अब हमें खुशी है कि रेलवे ने उचित जांच की और उन्हें निर्दोष पाया। अब उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।
जांच में हुआ सच का खुलासा : सीसीआरएस की रिपोर्ट में माना गया था कि कंचनजंगा एक्सप्रेस की मौजूदगी के बावजूद मालगाड़ी के लोको पायलट को एक सेक्शन पर जाने की अनुमति दी गई और बिना किसी सावधानी आदेश के सभी सिग्नलों को पार करने के लिए एक गलत मेमो दिया गया।
जांच में पाया गया कि मालगाड़ी 78 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर रही थी जब उसने कंचनजंघा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से को देखा और आपातकालीन ब्रेक लगाया। लेकिन कंचनजंगा में दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले ट्रेन केवल 40 किमी प्रति घंटे तक ही धीमी हो सकी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनिल ने 5 मिनट में 10 बार थ्रॉटल को एडजस्ट किया था, जो उनकी सतर्कता को दर्शाता है।