नई दिल्ली : लोकसभा में सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू के बीच हुई बहस से सदन का माहौल काफी तनावपूर्ण रहा। वहीं इस बीच सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने संसद में सिद्धू मूसेवाला को इंसाफ और अमृतपाल सिंह का मुद्दा भी उठाया। चरणजीत सिंह चन्नी ने अमृतपाल सिंह की रिहाई की मांग करते हुए कहा, ‘पंजाब के लोगों ने उसे अपना नेता चुनकर संसद भेजा है लेकिन उसे जेल में डाल दिया गया है।
सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख और खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह पर कहा कि वह कहते हैं, वे हर दिन आपातकाल के बारे में बोलते हैं। लेकिन आज देश में अघोषित आपातकाल के बारे में क्या? यह भी आपातकाल है कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा एक सांसद के रूप में चुना गया व्यक्ति एनएसए के तहत सलाखों के पीछे है। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के विचारों को यहां प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं। इसी के साथ चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि आज तक दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला के परिजन इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। यह भी इमरजेंसी है।
उन्होंने लोकसभा में कहा कि मैं जब चुनाव जीतकर आया तो सबसे पहले मैंने अम्बेडकर साहब की मूर्ति पर नमन करना चाहा, मैं वहां गया तो वहां मूर्ति नहीं थी। वहां से प्रतिमा को हटाकर पीछे कर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि पर वे समझ लें कि अंबेडकर साहब की मूर्ति पीछे की जा सकती है, उनकी सोच नहीं। उन्होंने कहा कि वे लोग संविधान नहीं बदल सकते और यह बात लोगों ने उन्हें बता दी है।
इसके साथ सांसद चन्नी ने कहा कि 22 तारीख को बजट पेश हुआ। मैं बड़ा खुश हुआ पहली बार सदन में नए कपड़े पहनकर आया। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा पंजाब में सभी सासंदों को बताऊंगा कि पंजाब को क्या-क्या मिला। लेकिन पंजाब को कुछ नहीं मिला। पंजाब के साथ फेयर डिस्ट्रिब्यूशन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह सरकार देश के नागरिकों को एकसमान दृष्टि से नहीं देखती। क्योंकि सरकार ने राजनीति वाला चश्मा लगाया हुआ है।