नई दिल्ली: सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत को पूरी तरीके से आत्मनिर्भर बनाने और अन्य देशों को यहां आकर अपनी फैक्ट्री खोलने और निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए सेमीकॉन इंडिया का आयोजन किया गया। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है। सेमीकॉन इंडिया 2024 को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा सपना है कि दुनिया के हर इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत में बनी चिप लगी हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में सेमीकंडक्टर की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए निवेश का आह्वान किया।
पीएम मोदी ने कहा कि अगर भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन में जगह बनानी है, तो उसके लिए कॉम्पिटीटिव होना एक अहम शर्त है। पीएम मोदी ने कहा कि आज स्मार्टफोन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन और एआई तक हर चीज के लिए सेमीकंडक्टर आधार है। पीएम ने कहा कि कोविड-19 जैसीवैश्विव महामारी ने सेमीकंडक्टर और उसकी सप्लाई चेन की जरूरत को सबसे सामने लाया। इस दौरान दुनिया ने सप्लाई चेन का संकट देखा, जिससे आपूर्ति प्रभावित हुई। चीन ने कोविड के प्रसार को रोकने के लिए जो कदम उठाए, उससे दुनिया के उन देशों में उद्योग प्रभावित हुए जो सेमीकंडक्टर के लिए चीन से आयात पर निर्भर थे। इसलिए आने वाले समय में इससे जुड़े किसी भी व्यवधान को खत्म करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता पर गौर किया जाना चाहिए। आज सेमीकंडक्टर हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने एक सपने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा,”हमारा सपना है कि दुनिया के हर डिवाइस में भारत में बनी चिप हो। हम भारत को सेमीकंडक्टर सेक्टर में वर्ल्ड पावर बनाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।” सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने उनकी सरकार के कार्यकाल में उठाए गए कदमों की चर्चा की है। देश में चिप मैन्यूफैक्चरिंग के लिए ”थ्री-डी पावर” की अवधारणा पर फोकस किया गया है, इसमें सुधारवादी सरकार की स्थिर नीतियां, मैन्युफैक्चरिंग का मजबूत आधार और एस्पिरेशनल मार्केट का टेक्नोलॉजी को अपनाना शामिल है। आज का भारत दुनिया में विश्वास जगाता है, जब मुश्किलें आती हैं, तो आप भारत पर भरोसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर सेक्टर में 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश पहले ही किया जा चुका है और कई प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं।
सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए देश में कई चुनौतियां पार करनी हैं। इनमें सप्लाई चेन, कच्चा माल और उपकरण, टेस्टिंग फैसिलिटी और स्किल्ड मैनपावर सबसे अहम है। ऐसे में इसकी क्षमता को बढ़ाकर कई गुना करने का प्लान है। ताकि आत्मनिर्भरता के साथ प्रदेश की इकोनॉमी का लक्ष्य 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सके।