नई दिल्ली : भारत ने वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (वीएलएसआरएसएएम) के एक के बाद एक सफल उड़ान परीक्षण किए हैं। लगातार दूसरा परीक्षण शुक्रवार को किया गया। इससे एक दिन पहले भी 12 सितंबर को भी चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया था। शुक्रवार को एक बार फिर ओडिशा के चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) व भारतीय नौसेना ने मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
शुक्रवार को किए गए परीक्षण में मिसाइल ने बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए समुद्र में खतरे का अनुकरण किया और इस दौरान एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को रोक दिया।रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इससे लक्ष्यों को बेअसर करने की इस मिसाइल की सटीकता और क्षमता का प्रदर्शन हुआ है। यह परीक्षण 12 सितंबर, 2024 को हुए पहले परीक्षण के बाद किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 12 सितंबर को किए गए पहले परीक्षण में वीएलएसआरएसएएम मिसाइल ने कम ऊंचाई वाले एक अन्य लक्ष्य को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया था। ये लगातार परीक्षण हथियार प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रदर्शित करते हैं। साथ ही साथ इस हथियार प्रणाली के विभिन्न घटकों में किए गए हालिया अपग्रेडशन को भी दर्शाते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना एवं सभी संबद्ध टीमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस यह मिसाइल सशस्त्र बलों की तकनीकी क्षमता को और अधिक संवर्द्धित करेगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी वीएलएसआरएसएएम प्रणाली के उड़ान परीक्षणों में शामिल टीमों को बधाई दी है।