भारत में दुनिया का सबसे भ्रामक और जटिल जीएसटी ढांचा है-शशि थरूर

नई दिल्ली , 24 मार्च- कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को लोकसभा में वित्त विधेयक की आलोचना करते हुए कहा केरल के साथ भेदभाव की बात की और कहा कि देश में केवल दो प्रतिशत लोग ही आयकर देते हैं। उन्होंने इसका कारण बेरोजगारी बताया।
यह वित्त विधेयक केवल पैबंद लगाने का उदाहरण है। भारत का जीएसटी दुनिया का सबसे जटिल कर है, भाजपा सरकार का आर्थिक प्रबंधन संरचनात्मक चुनौतियों का सामना कर रहा है।आज देश में हर चीज पर टैक्स लगाया जा रहा है
यह सरकार पेट्रोल, शर्ट, जूतों, मोबाइल, फोन कॉल, वेतन, यात्रा, मिठाई पर और सुख और दुख पर भी टैक्स लगाती है और टैक्स को ही देश का भविष्य कहती है.इस जीएसटी के ऊंची द रो के कारण देश से हजारों लोग पलायन कर रहे हैं।
थरूर ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे भ्रामक और जटिल जीएसटी ढांचा है। उन्होंने कहा, “हम सभी जिस अच्छे और सरल कर की उम्मीद कर रहे थे, उसके बजाय भारत में कई और भ्रामक जीएसटी दरें हैं, जिसमें दुनिया में सबसे ज्यादा जीएसटी दर, 28 प्रतिशत शामिल है, लेकिन कर राजस्व अभी भी जीडीपी का 18 प्रतिशत है।” उन्होंने कहा कि चीन में 13 प्रतिशत जीएसटी कैप है, लेकिन वे जीडीपी का 20 प्रतिशत संग्रह करते हैं। वियतनाम में और भी कम 8 प्रतिशत कैप है और वह जीडीपी का 19 प्रतिशत संग्रह करता है। थाईलैंड में जीएसटी केवल 7 प्रतिशत है, और उन्हें जीडीपी का शुद्ध 17 प्रतिशत मिलता है। अब, अत्यधिक दरों से परे, हमारी प्रणाली एक संदिग्ध कर वहन करती है, दुनिया में सबसे जटिल कर होने का संदिग्ध बोझ। 77 देशों में जीएसटी है,और वे केवल एक या दो कर लगाते हैं।
इस सदन में वित्त मंत्री के बजट भाषण ने मुझे उस गैराज मैकेनिक की याद दिला दी, जिसने कहा था कि मैं आपके ब्रेक ठीक नहीं कर सकता, इसलिए मैंने हॉर्न तेज कर दिया, लेकिन वित्त विधेयक को देखकर, वह अब करदाताओं से कह रही है, मैं छत की मरम्मत नहीं कर सका, लेकिन मैं आपके लिए एक छाता लेकर आया हूं।
तमिलनाडु के चेन्नई उत्तर लोकसभा सीट से डीएमके सांसद डॉक्टर कलानिधि वीरास्वामी ने तीन भाषा नीति का विरोध करते हुए कहा कि जब उत्तर के लोग हिंदी छोड़ दूसरी भाषा नहीं बोलते, आप हमसे कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि हम तीन भाषा नीति को लागू करें. उन्होंने सदन में स्पष्ट कहा कि हमारे मुख्यमंत्री साफ कह चुके हैं कि हम तीन भाषा पॉलिसी लागू नहीं करेंगे. डीएमके सांसद ने जीएसटी को टैक्स टेररिज्म बताया,
भाजपा के निशिकांत दुबे ने वित्त विधेयक पर बोलते कहा, यह एक ज्ञात तथ्य है कि देश की अर्थव्यवस्था जो 2 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की थी, पिछले दस वर्षों में बढ़कर 4.5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर हो गई है। यह देखते हुए कि बजट सभी समस्याओं का जादुई समाधान प्रदान नहीं करता है.सकारात्मक पहलुओं को देखे बिना हर चीज का विरोध करना कांग्रेस का एजेंडा है। निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस भी जब सत्ता में होती थी, हम भी कहते थे कि ये टाटा की सरकार है. ये बिरला की सरकार है. रिलायंस इंडस्ट्री 1966 में आई और 1987 तक रिलायंस इंडस्ट्री एक रुपये टैक्स नहीं देती थी. राजीव गांधी उसे परेशान करने के लिए बेनामी संपत्ति एक्ट लेकर आए.