गोल्ड और डॉलर के तस्कर

भारत में जमकर हो रही सोने और विदेशी मुद्रा की तस्करी

भारत में नशीले पदार्थों और इंसानों से लेकर महँगी चीज़ों की तस्करी करने वाले गिरोहों और उनसे जुड़े तस्करों पर रोक नहीं लग पा रही है। आये दिन तस्करी की चौंकाने वाली ख़बरों के बावजूद अवैध धंधों के ख़िलाफ़ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती। ‘तहलका’ ने इस बार भारत में अवैध तरीक़े से सोने और डॉलर (यूएस की विदेशी मुद्रा) के व्यापार से जुड़े तस्करों का पर्दाफ़ाश किया है। ‘तहलका’ की इस पड़ताल में ख़ुलासा हुआ है कि तस्कर कैरियर और अज्ञात संसाधनों से सैकड़ों करोड़ रुपये के सोने और विदेशी मुद्रा (डॉलर) की तस्करी करके उसे एक ग़ैर-क़ानूनी धंधे में बदल रहे हैं। पढ़िए, तहलका एसआईटी की विशेष पड़ताल रिपोर्ट :-

05 जुलाई, 2020 को केरल के तिरुवनंतपुरम में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने लगभग 15 करोड़ रुपये की क़ीमत के 30 किलोग्राम से अधिक सोने और सामान से भरे एक बड़े बैग को ज़ब्त किया। यह सोना संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास को भेजे गये राजनयिक सामान में था। सीमा शुल्क अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की थी कि यह सामान एक तस्करी गिरोह का हिस्सा है, जो राजनयिक प्रतिरक्षा प्राप्त व्यक्ति के नाम का दुरुपयोग कर रहा था। सोने की ज़ब्ती ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया, जिसने राज्य में सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार की नींव हिला दी, ख़ासकर जब शीर्ष नौकरशाह एम. शिवशंकर का नाम इस संदिग्ध मामले में सामने आया। केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव विजयन को मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के साथ सम्बन्ध सामने आने के बाद सेवा से निलंबित कर दिया गया था। बाद में गिर$फ्तारी के बाद उन्हें जमानत मिल गयी। यूएई वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश को केरल आईटी विभाग के लिए एक परियोजना पर काम करने के लिए एक निजी फर्म द्वारा काम पर रखा गया था, जो मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के अधीन है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एम. शिवशंकर इस विभाग के प्रमुख हुआ करते थे।

सोने की तस्करी की इस जाँच के दौरान तिरुवनंतपुरम में यूएई वाणिज्य दूतावास के पूर्व वित्त प्रमुख द्वारा ओमान के मस्कट में 1,90,000 अमेरिकी डॉलर की कथित तस्करी से सम्बन्धित एक और मामला सामने आया। सीमा शुल्क आयुक्त (निवारक) राजेंद्र कुमार ने जारी आदेश में यूएई वाणिज्य दूतावास के पूर्व वित्त प्रमुख ख़ालिद मोहम्मद अली शौकरी पर देश से बाहर विदेशी मुद्रा की तस्करी करने के लिए 13 करोड़ रुपये का ज़ुर्माना लगाया। आदेश में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि विदेशी मुद्रा को सीमा शुल्क अधिकारियों को सूचित किये बिना ही भारत से बाहर ले जाया गया, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। केरल में सोने और डॉलर की तस्करी के इन मामलों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। केरल सोना तस्करी मामले में आरोपियों द्वारा कुछ बड़े लोगों की संलिप्तता का ख़ुलासा होने के बाद विपक्षी कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और भाजपा नीत एनडीए ने पिनाराई विजयन सरकार के ख़िलाफ़ अपना हमला तेज़ कर दिया है।

हालाँकि यह सोने और डॉलर की तस्करी के कई मामले भारतीय मीडिया में बार-बार सुर्ख़ियाँ बने हैं। लेकिन इसकी कार्यप्रणाली क्या है? इसमें कौन लोग शामिल हैं? तस्करी में कौन-कौन से देश शामिल हैं? ये वो सवाल हैं, जो हर भारतीय पूछता है; इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए ‘तहलका’ ने भारत में सोने और डॉलर की तस्करी पर पड़ताल की और अपने गुप्त कैमरे के सामने एक ऐसे व्यक्ति से क़ुबूलनामा लिया, जो वर्षों से भारत में सोने और डॉलर की तस्करी में लिप्त होने के बावजूद अधिकारियों की पकड़ में नहीं आया है। ‘तहलका’ की एसआईटी ने स्टिंग ऑपरेशन के ज़रिये मामले की तह तक पहुँचने का फ़ैसला किया, तो हमारे अंडरकवर रिपोर्टर की मुलाक़ात कोलकाता के डॉलर और सोने के तस्कर प्रशांत सिंह से हुई।

‘सभी xxxx अधिकारियों को मेरी फोटो, मेरी पासपोर्ट कॉपी, मेरा बोर्डिंग पास और मेरे बैग का रंग पहले से ही मिल जाता है; ताकि वे बैंकॉक की मेरी डॉलर और सोने की तस्करी-यात्रा के दौरान मुझे न रोकें।’ -यह बात अलीगढ़, उत्तर प्रदेश निवासी प्रशांत सिंह ने हमारे नक़ली ग्राहक बनकर उससे मिले अंडरकवर रिपोर्टर से कही। प्रशांत कुछ वर्ष पहले दिल्ली में रहा, फिर एक रिश्तेदार के माध्यम से कोलकाता में बस गया, तबसे वहीं है।

‘हमारी xxxx हवाई अड्डे पर कुछ xxxx अधिकारियों के साथ सेटिंग है। हम उनकी मदद के बिना अवैध सोना और डॉलर का कारोबार नहीं कर सकते। आपातकालीन स्थिति में हम उन पर भरोसा करते हैं, ताकि अगर हम फँस जाएँ, तो वे हमें बचा सकें। इसके लिए हम उन्हें पैसे देते हैं।’ – प्रशांत ने ‘तहलका’ रिपोर्टर को बताया। प्रशांत ने यह भी बताया कि उसने कोलकाता में बसने के बाद सोने और डॉलर की तस्करी से पहले किसी और के लिए काम करके इस अवैध धंधे को करने की सारी कारगुज़ारियाँ सीखीं।

प्रशांत सिंह ने ख़ुलासा किया कि वह बिना कोई दस्तावेज़ दिखाये ब्लैक मार्केट से डॉलर ख़रीद रहा है। वह प्रतिदिन 25,000 अमेरिकी डॉलर ख़रीदता है, जो स्वीकार्य सीमा से काफ़ी ज़्यादा हैं। इसमें वह टैक्स और जीएसटी की चोरी भी करता है। उसने यह भी बताया कि वह तस्करी का सोना और डॉलर ऐसी जगह छिपाता है, जहाँ हवाई अड्डे का एक्स-रे भी इन चीज़ों का पता नहीं लगा पाता। उसने ख़ुलासा किया कि थाईलैंड से सोने और डॉलर की तस्करी के लिए xxxx हवाई अड्डा उसके लिए सबसे अच्छी जगह है। उसने कहा- ‘हालाँकि सोने और डॉलर का अवैध व्यापार सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर होता है; लेकिन xxxx हवाई अड्डा मेरे लिए सस्ता है। वहीं xxxx हवाई अड्डे पर केवल 50 लाख रुपये के बजट वाला व्यक्ति ही इस अवैध व्यापार में शामिल हो सकता है।’

प्रशांत सिंह अपने अवैध सोने और डॉलर की तस्करी के अवैध धंधे के लिए निवेशक की तलाश में है। उसने ‘तहलका’ के अंडरकवर रिपोर्टर को इस अवैध धंधे में इच्छुक निवेशक समझकर दिल्ली के एक पाँच सितारा होटल में मुलाक़ात की, जो कि फ़र्ज़ी निवेशक बनकर वहाँ प्रशांत से उसकी तस्करी के राज़ उगलवाने पहुँचे थे। प्रशांत ने ख़ुलासा किया कि उसका नेटवर्क xxxx हवाई अड्डे से संचालित होता है। उसने अपने लाभ और इस अवैध धंधे में अपनी तस्करी की कार्यप्रणाली को उजागर किया।

प्रशांत : हम काम करते हैं डॉलर और गोल्ड (सोने) में। …और दोनों के प्रॉफिट (लाभ) अलग-अलग हैं। अगर हम 100 ग्राम लेते हैं, 50 हज़ार रुपये बचता है। 100 ग्राम की वैल्यू (क़ीमत) हुई 5-5.5 लाख रुपये। और डॉलर में भेजते हैं 8.5 लाख। …एक पूरा बंडल आता है। उसमें हमें 2.25 रुपये बचते हैं, तो वो उसमें 25,000 रुपये अप्रॉक्स (लगभग) बचते हैं।

रिपोर्टर : ये लाते कहाँ से हो आप, गोल्ड और डॉलर?

प्रशांत : ये थाइलैंड से लाते हैं। गोल्ड थाइलैंड से लाते हैं और डॉलर इंडिया से लेकर जाते हैं।

रिपोर्टर : कहाँ जाते हो?

प्रशांत : बैंकॉक में।

इसके बाद प्रशांत सिंह ने डॉलर तस्करी के अपने धंधे का ख़ुलासा किया। उसने बताया कि किस प्रकार अमेरिकी डॉलर को अवैध रूप से भारत से थाईलैंड ले जाकर उसे थाई मुद्रा में परिवर्तित कराकर हवाला के माध्यम से वापस भारत भेज देता है। इसके बाद प्राप्त धनराशि को पुन: निवेशित किया जाता है, तथा परिचालन के प्रत्येक चरण के लिए अनेक कैरियर का उपयोग किया जाता है। प्रशांत ने बताया कि किस प्रकार वह अवैध तरीक़े से पैसे को इधर-से-उधर घुमाकर ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ कमाता है और यात्रा के दौरान साथ लाये गये कपड़ों, इलेक्ट्रॉनिक्स और सामानों को लाकर उनकी कमायी से अपने किराये और दूसरे ख़र्चे निकालता है।

रिपोर्टर : डॉलर इंडिया से लेकर जाते हो, वहाँ उसे इंडियन करेंसी में चेंज करवाते हो?

प्रशांत : नहीं, थाई करेंसी में चेंज करवाते हैं। उसके बाद हम इसको हवाला लगवाकर इंडिया में लाते हैं। इंडिया में पैसा रिटर्न (वापस) आ जाता है, इंडियन करेंसी (रुपये) में। तो हमें सब मिलाकर 20-22 हज़ार बचते हैं।

रिपोर्टर : 20-22 हज़ार रुपये कितने पर बचते हैं?

प्रशांत : आठ लाख रुपये पर ट्रिप (प्रति चक्कर)। जैसे मैं आज गया वहाँ पर, एक्सचेंज करवाया और मैंने रिटर्न मारे पैसे, इंडिया में आ गये। अब इंडिया में वो बंदे रिटर्न में फिर गया; …तो साइकिलिंग सिस्टम है।

रिपोर्टर : नहीं, जो पैसे हवाला से इंडिया में आये, वो फिर बाहर जाते हैं?

प्रशांत : फिर हमारा दूसरा लड़का, …हम अकेले काम तो करते नहीं हैं; …तो वो पैसे वापस आ गये; तो आज जीतू भाई वापस जाएगा, वो पैसे लेकर। तो आज 25,000 का प्रॉफिट (लाभ) आया; …कल भी 25,000 रुपये का प्रॉफिट आएगा।

रिपोर्टर : कितने पर 25,000 का बताया आपने?

प्रशांत : 8.5 लाख पर।

रिपोर्टर : 8.5 लाख पर 25,000 रुपये का प्रॉफिट आपका?

प्रशांत : आएगा, और हम साइकिलिंग में इसको 20-25 दिन में 2.5 लाख कर देते हैं। ये प्रॉफिट है।

रिपोर्टर : मतलब, एक चक्कर में रुपये 25 थाउजेंड, तो 10 चक्कर में 2.5 लाख?

प्रशांत : हाँ; ये प्रॉफिट है और टिकट का जो निकलता है, हम साथ में कपड़ा भी लाते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम भी लाते हैं, और भी बहुत सारा सामान तो हम टिकट और कस्टम यूएस में कर लेते हैं।

रिपोर्टर : मतलब, आप आने-जाने का ख़र्चा यूएस से निकाल लेते हो?

प्रशांत : हाँ।

रिपोर्टर : तो आप ये किसके लिए करते हो?

प्रशांत : अभी मैं अपने लिए करता हूँ। पहले मैं किसी के लिए करता था। लेकिन अभी मेरा अपना अमाउंट (पैसा) हो गया, तो मैं ख़ुद का लगाया, थोड़ा दूसरे का लगाया था। कोविड में मेरा बहुत नुक़सान हुआ। …फिर लास्ट टाइम मैंने काम नहीं किया।

अब प्रशांत ने ‘तहलका’ रिपोर्टर के समक्ष स्वीकार किया कि चूँकि xxxx हवाई अड्डे पर उसका कनेक्शन है, इसलिए वह कोलकाता के खुले बाज़ार से अमेरिकी डॉलर ख़रीद रहा है; वह भी स्वीकार्य सीमा से कहीं ज़्यादा। वह इन डॉलर्स को अवैध रूप से xxxx हवाई अड्डे से थाईलैंड भेजता है और हवाला के ज़रिये वापस भारत लाता है। प्रशांत ने बताया कि हवाला ऑपरेटर तभी पैसा जारी करता है, जब वह अपनी पहचान साबित करने के लिए एक पर्ची दिखाता है।

रिपोर्टर : नहीं, आप ये कह रहे हो- डॉलर की एक लिमिट है, इंडिया से बाहर ले जाने की?

प्रशांत : इंडिया से बाहर ले जाने की सिर्फ़ इंडिया में ही लिमिट (सीमा) है, विदेश वालों की नहीं।

रिपोर्टर : एक बंदे की क्या लिमिट है?

प्रशांत : एक बंदे की 1,500-2,000 रुपये तक यूएस डॉलर…।

रिपोर्टर : आप कितना ले जाते हो?

प्रशांत : 15,000-20,000…।

रिपोर्टर : ये डॉलर आपके पास कहाँ से आते हैं?

प्रशांत : हम ख़रीदते हैं, लोकल मार्केट से।

रिपोर्टर : यहाँ पर करोल बाग़ से? आप किस रेट पर ख़रीदते हो?

प्रशांत : हम ख़रीदते हैं, जैसे यहाँ का रेट है… रुपये 86 प्वाइंट कुछ चल रहा है। कुछ ऊपर-नीचे होता रहता है, वहाँ का अलग है। स्टेट का फ़र्क़ पड़ता है। 10 पैसा यहाँ कम हो सकता है, या वहाँ बढ़ सकता है। …सब ऑनलाइन ही होता है।

रिपोर्टर : आप करोल बाग़ से ख़रीदते हो डॉलर?

प्रशांत : नहीं, मैं कोलकाता से, क्यूँकि xxxx  एयरपोर्ट (हवाई अड्डे) में ही हमारी सब सेटिंग है।

रिपोर्टर : मतलब, कोलकाता ओपेन मार्केट से आप डॉलर लेते हो?

प्रशांत : जी।

रिपोर्टर : उसे लेकर बैंकॉक चले जाते हो, वाया xxxx एयरपोर्ट?

प्रशांत : हाँ।

रिपोर्टर : और कितने दिन रहते हो वहाँ?

प्रशांत : बैंकॉक में देखो आज गये, एक दिन का स्टे किया, दूसरे दिन रिटर्न (वापस)।

रिपोर्टर : अच्छा; वो जो पैसा आता है हवाला से…; मान लीजिए 10,000 डॉलर ले गये आप, …इंडियन करेंसी में कितना हुआ?

प्रशांत : 8.5 लाख्स हुआ।

रिपोर्टर : 8.5 हवाला से आप इंडिया भेज देते हो, इंडियन करेंसी में! …वो किसके पास आता है?

प्रशांत : वो आता है हवाला वाले के पास। तो उसके बाद हमें एक पर्ची देनी पड़ती है। तो वो दिखाकर ही हमें पैसे मिलते हैं। जैसे हमने जीतू भाई के नाम से लगाया, तो जीतू भाई जाएगा, वो कार्ड दिखाएगा, उसको पैसे मिल जाएँगे।

रिपोर्टर : बंदे जेनुइन हैं?

प्रशांत : हमारे जान-पहचान के हैं। आज से नहीं, कई वर्षों से। …ऐसा है, मैं तो ये कहता हूँ, अगर आप इंट्रेस्टेड हो, आप हमारे साथ कोलकाता चलिए, पूरा सिस्टम देखिए; …अगर आपके पास पासपोर्ट है, कोई दिक़्क़त नहीं है, बिलकुल ओपेन (खुला) काम है।

प्रशांत सिंह ने अब हवाला ऑपरेटरों द्वारा उसके तस्करी नेटवर्क को सुविधाजनक बनाने से प्राप्त वित्तीय लाभ का ख़ुलासा किया है। उसने बताया कि ये ऑपरेटर मुद्रा विनिमय के दौरान दरें बढ़ाकर प्रति लेन-देन 4,000-5,000 रुपये कमाते हैं। प्रशांत ने यह भी स्वीकार किया कि उसने पहले सनी नामक किसी व्यक्ति के अधीन काम किया था; और अंतत: अपना स्वतंत्र व्यवसाय स्थापित किया था।

रिपोर्टर : अच्छा; आपने ये पैसा दे दिया, 8.5 लाख रुपये; लेकिन हवाला वाले को क्या फ़ायदा हुआ?

प्रशांत : हवाला वाले का भी फ़ायदा है इसमें, …हवाला वाला अपने रेट में बेचता है।

रिपोर्टर : वो कितने कमा लेता है 8.5 लाख में?

प्रशांत : कमा लेता होगा 2-4 हज़ार…, 5,000 तक।

रिपोर्टर : एक ट्रिप में?

प्रशांत : हाँ। वन टाइम अगर हम हवाला लगाते हैं, तो उसको 4-5 हज़ार का फ़ायदा हो जाता है।

रिपोर्टर : पहले आप किसके लिए काम कर रहे थे?

प्रशांत : पहले मैं कर रहा था एक हमारे सन्नी जी हैं, उनके लिए। …थोड़ी फंडिंग मेरी भी थी उसमें।

प्रशांत ने स्पष्ट रूप से बताया कि डॉलरों के हस्तांतरण के लिए वह अवैध माध्यमों का सहारा लेता है, जिससे टैक्स बचता है। उसने तर्क दिया कि क़ानूनी रास्ता अपनाने पर जीएसटी सहित उस पर भारी कर बोझ पड़ेगा।

रिपोर्टर : ये बताइए, इसमें टैक्स किसका बचा?

प्रशांत : टैक्स देखो, अगर हम प्रॉपर तरीक़े से जाएँगे, तो पूरा बिल बनेगा। तो जो चीज़ हमें 8.5 लाख की पड़ रही है, वो फिर हमें 8.7 की पड़ेगी; ज़्यादा ही पड़ेगी। जीएसटी मिलाकर… तो जो हमारी बचत है, वो सारी उसमें चली जाएगी।

प्रशांत ने डॉलर के अवैध हस्तांतरण के लिए कुछ xxxx हवाई अड्डा अधिकारियों को रिश्वत देने की बात स्वीकार की। उसने बताया कि किस प्रकार धन को छुपाया जाता है, ताकि हवाई अड्डे की एक्स-रे प्रणाली से भी उसका पता न चल सके।

प्रशांत : वो वहाँ जाकर कुछ भी करें, वो पैसे हमें इक्वल हो गया। अगर हम यहाँ से कस्टम को कुछ कट दे देते हैं, 5,000-3,000 रुपये, …3,000-4,000 पर बंदा चला जाता है। उसको पता होता है। मगर फिर भी हम उस पैसे को बहुत मैनिपुलेट करके (होशियारी से) ले जाते हैं। ऐसा नहीं कि जेब में डाला और चल दिये। क्यूँकि रिस्क (जोखिम) होता है। कल को वो मुकर गया, कह दिया- मेरा सीनियर आ गया था। मैं क्या कर सकता हूँ। इसलिए बहुत मैनिपुलेट करके ले जाते हैं।

रिपोर्टर : जैसे 10,000 डॉलर हैं, उसे आप अलग-अलग रखते हैं?

प्रशांत : ऐसे सिस्टम में रखते हैं कि वो एक्स-रे में भी नहीं आता।

रिपोर्टर : ऐसा भी है, वो एक्स-रे में आएगा भी नहीं?

प्रशांत : ले जाने वाले तो 30-40 हज़ार तक ले जाते हैं; मगर हमारा इतना काम नहीं है।

बातचीत जारी रखते हुए प्रशांत ने बताया। उसने xxxx हवाई अड्डे के अधिकारियों को रिश्वत देने की बात स्वीकार की, जिससे उसे सोना और डॉलर की तस्करी के काम में मदद मिली। जबकि अन्य हवाई अड्डों पर भी ऐसी ही गतिविधियाँ होती हैं; लेकिन कम वित्तीय आवश्यकताओं के कारण वह xxxx को प्राथमिकता देते हैं। प्रशांत ने बताया कि वह मुख्य रूप से थाईलैंड के साथ व्यापार करता है। हालाँकि एक बार उसने दुबई से भारत में सोने की तस्करी करने का प्रयास किया था, जो काफ़ी महँगा साबित हुआ।

रिपोर्टर : तो ये सब आप xxxx से ही कर रहे हैं?

प्रशांत : काम मैं xxxx से कर रहा हूँ।

रिपोर्टर : दिल्ली से xxxx?

प्रशांत : दिल्ली से सर बहुत बड़ी फर्म काम करती है। …और अच्छे लेवल (स्तर) पर काम करते हैं।

रिपोर्टर : मतलब, दिल्ली से भी हो रहा है ये काम? …आप क्यूँ नहीं कर पा रहे दिल्ली से?

प्रशांत : सर! इतनी फंडिंग नहीं है। …देखो सर! बिना ऑफिसर के काम करना तो बेवक़ूफ़ी है। कल को कोई बात होती है, तो मैं बोल भी सकता हूँ- सर थोड़ा-सा देख लीजिए। …अगर आप लेते हैं, तो कहीं-न-कहीं रियायत भी करेंगे। वो भी ज़रूरी है। दिल्ली xxxx में कोई 10 लाख, 50 लाख से नीचे बात ही नहीं करता। जितना पैसे, उतना ही काम होता है; और सीधा-सीधा होता है।

रिपोर्टर : यहाँ से भी, दिल्ली xxxx से काम हो रहा है मतलब?

प्रशांत : xxxx, xxxxङ्ग, xxxx, xxxx; ऐसा कोई एयरपोर्ट नहीं है, जहाँ से ये काम न हो रहा हो।

रिपोर्टर : यही काम डॉलर का?

प्रशांत : डॉलर का, गोल्ड का; …गोल्ड में रिस्क बहुत है।

रिपोर्टर : आप सिर्फ़ बैंकॉक से ही कर रहे हो?

प्रशांत : हाँ; बीच में मैंने दुबई से किया था, सेकेंड लॉकडाउन के समय। ….दुबई बहुत एक्सपेंसिव (महँगा) है, तो हमारा नहीं बन पाया था।

अब प्रशांत ने ख़ुलासा किया कि वह न केवल डॉलर की तस्करी में शामिल है, बल्कि कई कैरियर पर निर्भर होकर xxxx हवाई अड्डे से बैंकॉक तक अवैध सोने के व्यापार में भी शामिल है। उसने इस कार्य की लाभप्रदता का विस्तृत विवरण दिया तथा बताया कि किस प्रकार वह डॉलर का उपयोग करके बैंकॉक में सोना ख़रीदता है तथा उसे भारत में बेचता है।

प्रशांत : जैसे कि हम गोल्ड में काम करते हैं। मैं आपको मार्केट रेट से पूरा समझा सकता हूँ। जैसे कि हमने छोटी-सी इन्वेस्टमेंट से पाँच लाख रुपये लगा दिये। पाँच लाख का हमने गोल्ड लिया। डॉलर लेकर बैंकॉक गये; …पर हम हवाला नहीं करा रहे, क्यूँकि हम आगे माल ख़रीद रहे हैं। उस पैसे को गोल्ड में कन्वर्ट किया, पाँच लाख को 5.5 लाख लगभग…।

रिपोर्टर : यहाँ से डॉलर लेकर गये आप?

प्रशांत : हाँ; लगभग 5.5 लाख्स, 100 ग्राम का रेट बता रहा हूँ आपको।

रिपोर्टर : डॉलर लेकर गये, वहाँ से गोल्ड ख़रीदा, बैंकॉक में?

प्रशांत : वहाँ से हम गोल्ड लेकर आएँगे, इंडिया में बेचेंगे। 60 हज़ार रुपये में बेचेंगे, जो आज का रेट है। 60 हज़ार रुपये 100 ग्राम के, …हमें 50 हज़ार रुपये 100 ग्राम में बचते हैं। यही 50 हज़ार को अगर हम 10 बार में मल्टीप्लाई (गुणा) करते हैं, तो हमें पूरी पाँच लाख रुपये की इनकम (आमदनी) है, पूरी-पूरी। पाँच लाख में से अगर एक लाख हम काट भी लेते हैं, तो हमें चार लाख रुपये का प्रॉफिट है महीने का। ये है सिस्टम। और भी सामान हम मैनिपुलेट करके लाते हैं।

रिपोर्टर : कैसे?

प्रशांत : कभी आप चलो, मैं आपको पूरा समझाता हूँ।

प्रशांत ने बताया कि वह किस प्रकार बैंकॉक से कैरियर के माध्यम से सोने की तस्करी करता है। उसने बताया कि हालाँकि लोग क़ानूनी तौर पर 50 हज़ार रुपये तक का सोना भारत में ला सकते हैं; लेकिन उनका परिचालन वाणिज्यिक विभाग से होता है। वह बैंकॉक और भारत के बीच यात्रा करता है और न केवल सोना, बल्कि कपड़े, स्पेयर पार्ट्स और लैपटॉप भी लाता है।

रिपोर्टर : गोल्ड अलाउड कितना है, इंडिया में लाना?

प्रशांत : जेनुअन (वास्तविक) तो 50 हज़ार तक है। आप हसबैंड-वाइफ गये, चेन ख़रीद ली, एट्च (इत्यादि)। जेनुअन तरीक़े से इंडिया में 50 हज़ार तक का ला सकते हैं। जैसे 50 हज़ार का आपकी वाइफ पहनकर आ गयी। तो वो आपसे ड्यूटी भरवाएँगे या बिल माँगेंगे। और जो भी आपकी ड्यूटी बनती है टैक्स की, वो आपको देना पड़ेगा। पर हमारे साथ क्या है, हम कॉमर्शियल हैं। हम बैक-टू-बैक बैंकॉक जाते हैं। अगर हम आज बैंकॉक से आये, तो हम एक दिन रुककर फिर दोबारा बैंकॉक जाएँगे। तो हम बिजनेस कर रहे हैं; …ठीक है। हम वहाँ से कपड़ा भी लाते हैं। बहुत सारी चीज़ें भी लाते हैं। स्पेयर पार्ट्स लाते हैं। लैपटॉप लाते हैं।

प्रशांत ने ख़ुलासा किया कि वह कभी भी सोने और डॉलर की तस्करी करते हुए नहीं पकड़ा गया; क्योंकि वह xxxx हवाई अड्डे पर कुछ अधिकारियों को पैसे देता है। उसने बताया कि रिश्वत से कामकाज सुचारू रूप से चलता है और अधिकारी उसकी गतिविधियों पर आँखें मूँद लेते हैं। प्रशांत ने बताया कि भुगतान की जाने वाली राशि अलग-अलग हो सकती है, कभी-कभी यह छोटी राशि या शराब की एक बोतल भी हो सकती है; लेकिन अधिकारी के आधार पर यह बड़ी राशि तक भी हो सकती है।

रिपोर्टर : 100 ग्राम गोल्ड लाते हो, कभी पकड़े नहीं गये आप?

प्रशांत : देखो सर! श्योर (ज़रूरी) तो हर बार नहीं होते, काफ़ी दिन हमारे होते हैं, काफ़ी ऑफिसर्स के भी होते हैं। तो वो मडवाली हो जाती है बीच में। क्यूँकि उनको भी मालूम है, इनके हाथ काट देंगे, तो क्या करेंगे ये लोग। क्यूँकि हम डेली कस्टमर को देकर निकालते हैं। अगर मैं आपको 3,000 रुपये दे रहा हूँ, पर चक्कर; …तो आपको 3,000 रुपये तो आ ही रहा है ना! अब आपको पता है मैं इतना ला रहा हूँ। अब कोई ऑफिसर आ रहा है, वो देख रहा है, इसका इतना माल शो हो रहा है; …तो वहाँ पर क्या होगा जमा होने के चांस नहीं होते। पैसा देना पड़ता है। अब हो सकता है, वो ऑफिसर एक बोतल माँग ले, दारू की। हो सकता है 50 हज़ार माँग ले। हो सकता है 50-60 हज़ार या एक लाख तक माँग ले। उससे ऊपर कुछ नहीं हो सकता।

प्रशांत ने स्वीकार किया कि कुछ xxxx अधिकारी, उससे नियमित भुगतान प्राप्त करके उसके विवरण- पासपोर्ट, फोटो, बोर्डिंग पास और बैग का विवरण अपनी टीम को बता देते हैं।

प्रशांत : पहले ही पासपोर्ट, फोटो पहुँच जाती है।

रिपोर्टर : कहाँ?

प्रशांत : कस्टम से, ये शर्ट पहनी हुई है। ये बोर्डिंग है। ये बैग है। ये आ रहा है। पूरी टीम में फैल जाती है, इसको रोकना नहीं है।

अब प्रशांत ने ‘तहलका’ रिपोर्टर के समक्ष कई चौंकाने वाले ख़ुलासे किये, जिनमें से एक भारत में अवैध रूप से अमेरिकी डॉलर ख़रीदने के बारे में था। उसने बताया कि वह बिना किसी पासपोर्ट या दस्तावेज़ के काले बाज़ार से प्रतिदिन 25,000 डॉलर की ख़रीदारी करता है, और इस प्रक्रिया में वह सरकार को दिये जाने वाले सभी करों की चोरी करता है।

रिपोर्टर : अच्छा; डॉलर कैसे सकता है कोई? उसमें कोई डॉक्यूमेंट्स की ज़रूरत तो नहीं होती?

प्रशांत : बिल के संग चाहिए, तो बहुत कुछ है। …इंडिया में न आप साल में बस एक बार 10,000 डॉलर भेज सकते हो; …अपने पासपोर्ट में। उसके बाद आप दोबारा जाओगे, तो वो नहीं देंगे। क्यूँकि आपने एक ही बार में भेज दिया।

रिपोर्टर : अच्छा; साल में एक पासपोर्ट पर 10,000 रुपये आ सकते हैं?

प्रशांत : सिर्फ़ 5,000…।

रिपोर्टर : और आप कितना लाते हो?

प्रशांत : सर! हमें पेपर चाहिए ही नहीं। वो कच्चे में देते हैं। हमें कच्चे में ही चाहिए। जीएसटी नहीं कटवाना, अगर पक्के में चाहिए पैसे अकाउंट से काटेंगे।

रिपोर्टर : आप पासपोर्ट भी नहीं दिखाते होंगे?

प्रशांत : मैं कुछ नहीं दिखाता।

रिपोर्टर : आप कितने ले लेते हो, साल में?

प्रशांत : साल में…! मैं डेली के 25,000 डॉलर ले लेता हूँ।

रिपोर्टर : तो बहुत आगे निकल गये आप तो…!

भारत में मुद्रा और सोने की तस्करी 1,000 करोड़ रुपये का आँकड़ा पार करने को तैयार है, और यह एक फलता-फूलता भूमिगत कारोबार बन गया है। यह जटिल नेटवर्क, जिसमें अक्सर भ्रष्ट अधिकारी शामिल होते हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर ख़तरा पैदा करता है। व्यक्तिगत विमानन कम्पनियाँ, एनआरआई और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन कर्मचारी खाड़ी और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में डॉलर, पाउंड और सोना पहुँचाने के लिए पसंदीदा साधन बन गये हैं। प्रशांत सिंह अपने कैरियर के साथ ‘तहलका’ के कैमरे पर अपने तस्करी के कारोबार के बारे में चौंकाने वाले ख़ुलासे करते हुए रिकॉर्ड किया गया एक ऐसा ही व्यक्ति है। उसके ख़ुलासे से भानुमति का पिटारा खुल गया है, तथा क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों से तत्काल कार्रवाई की माँग की जा रही है।