जापान

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विश्व रैंकिंग: 46
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : अंतिम 16 टीमों में (2002, 2010)

खास बात
इस टीम के कोच काफी आक्रामक रणनीति के लिए जाने जाते हैं. यदि जापान अपने कमजोर डिफेंस से पार पा लेता है और मिडफील्डर लगातार विरोधी टीम के फॉरवर्ड को आगे बढ़ने से रोक पाते हैं तो एशिया की यह टीम 2002 के अपने प्रदर्शन से आगे जा सकती है

इस बार ईरान और दक्षिण कोरिया के साथ जापान ने भी एशिया से विश्व कप में क्वालीफाई किया है. यह टीम पिछले पांच फुटबॉल विश्व कप खेल चुकी है. 2002 और 2010 के विश्व कप में यह दूसरे चरण तक तक पहुंची थी. 2002 का विश्व कप संयुक्त रूप से जापान में ही हुआ था. तब अपनी सरजमीं खेलते हुए जापान ने घरेलू दर्शकों का दिल जीत लिया था. यहां दूसरे चरण में तुर्की से 0-1 से हारने के बाद यह टीम विश्व कप से बाहर हो गई थी. इसके बाद जर्मनी में हुए 2006 के विश्व कप में जापान पहले ही राऊंड में बाहर हो गया. 2010 के विश्व कप में इस टीम ने एकबार फिर जोर दिखाया. दक्षिण अफ्रीका में जापानी टीम नौंवे स्थान पर रही थी. कुल मिलाकर कभी बहुत अच्छा तो कभी औसत खेल इस टीम की पहचान  है. जापान के प्रदर्शन की अनियमितता ही उसकी सबसे बड़ी दिक्कत रही है. वैसे कोच अल्बर्टो जाकरोनी के मार्गदर्शन में जापान क्वालीफाइंग मुकाबलों में जॉर्डन को 6-0 और ओमान को 3-0 के बड़े अंतर से हारकर आगे पहुंची है.  इस प्रदर्शन में उसके प्रतिभावान मिडफील्डर केसुके होंडा के अलावा माया योशिदा, हिरोशी कियोतके, गोतोकु सकाल और उचिदा जैसे खिलाड़ियों के तालमेल ने कमाल दिखाया था. इन प्रतिभावान खिलाड़ियों की मौजूदगी और इनके बढ़िया तालमेल से विश्व कप में भी इस टीम से आक्रामक खेल की उम्मीद बंधती है.