नोएडा: नोएडा प्राधिकरण के बाहर गुरुवार को किसानों ने प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा किया। किसान करीब एक बजे बड़ी संख्या में प्राधिकरण के गेट के बाहर पहुंच गए और उन्होंने पुलिस बैरिकेड को तोड़ दिया।
दरअसल, प्राधिकरण के गेट के बाहर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगाया था, लेकिन किसानों ने उसे तोड़ दिया और वह नोएडा प्राधिकरण के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। भारतीय किसान यूनियन मंच ने नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित 81 गांवों के किसानों से इस प्रदर्शन के लिए समर्थन मांगा था। भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों का शोषण किया है। नोएडा प्राधिकरण ने भूमि अर्जित करते समय किसानों से किए करार ओर समझौता को पूरा नहीं किया। भाकियू मंच 81 गांवों के सभी किसानों को उनका हक दिलाकर ही रहेगा।
किसान अपनी जिन मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें जिन किसानों को मूल पांच प्रतिशत के प्लॉट नहीं मिले हैं, उन सभी किसानों को पांच प्रतिशत के मूल प्लॉट दिए जाएं। जिन किसानों के न्यायालय से आदेश आ चुके हैं, उन सभी किसानों को अतिरिक्त पांच प्रतिशत के भूखंड या धनराशि दी जाए। सभी किसानों को वर्ष 1997 से 64.7 प्रतिशत मुआवजा और 10 प्रतिशत के विकसित भूखंड दिया जाए, नोएडा के सभी 81 गांव के किसानों की आबादी को 450 मीटर से एक हजार मीटर करते हुए आबादी का संपूर्ण समाधान करें और 1976 से वर्ष 1997 तक के सभी किसानों को कोटा स्कीम के प्लॉट आवंटित करें। इसके साथ ही किसानों की मांग है कि नोएडा प्राधिकरण के गांवों में स्वामित्व योजना लागू की जाए और गांवों में नक्शा नीति समाप्त की जाए, क्योंकि गांव में यह व्यावहारिक नहीं है।
किसानों को मिलने वाले मुआवजे की धनराशि में से 10 प्रतिशत धनराशि आबादी भूखंड देने के लिए काट ली गई थी और किसानों को केवल 90 प्रतिशत धनराशि का ही भुगतान किया गया था। अब नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड नहीं दे रहे हैं। यह करार नियमावली का उल्लंघन है। इन सभी मांगों को लेकर किसान नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।