नई दिल्ली : प्रत्यक्ष बिक्री दद्योग के दिग्गज इस कारोबार की छवि और साख सुधारने समेत इसके समक्ष आने वाली अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान खोजने को लेकर पर एकजुट होकर काम करेंगे।
देश में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की अग्रणी संस्था इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) की सदस्य कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) परिषद की यहां आहूत एक बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में मौजूद ओरिफ्लेम, मोदीकेयर, हर्बालाइफ, एमवे, यूनिसिटी, फोरलाइफ, पीएम इंटरनेशनल, एटॉमी, मॉडेर और यूसाना जैसी प्रमुख कम्पनियों के सीईओ ने सर्वसम्मति से उद्योग की प्रतिष्ठा सुधारने, नैतिक आचरण और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर सामूहिक रूप से काम करने का संकल्प लिया।
आईडीएसए की आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार उद्योग के प्रतिनिधियों ने पोंजी और पिरामिड योजनाओं के माध्यम से प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की छवि धूमिल करने और लोगों के साथ धोखाधड़ी कर उनकी गाढ़ी कमाई लूट कर रफूचक्कर होने वाली संदिग्ध कम्पिनयों के कारण होने वाले प्रतिकूल प्रभावों से निपटने पर तत्काल आवश्यकता जताई गई। बैठक में सभी एकमत थे कि इस तरह की गतिविधियां न केवल उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि उनका विश्वास भी कम करती हैं तथा इसके अलावा वैध एवं कारोबारी परिदर्शिता भी प्रभावित होती है। दिग्गजो ने ऐसी चुनौतियों से निपटने, उपभोक्ता हितों का संरक्षण, प्रत्सक्ष बिक्री के लिए विश्वसनीय माहौल बनाने तथा पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए भी काम करने पर प्रतिबद्धता जाहिर की।
सीईओ परिषद ने जन जागरण और सरकार के सहयोग से प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र की ब्रांड छवि मजबूत करने हेतु प्रभावी रणनीति बनाने, सुदृढ़ एआई और डिजिटल दिशानिर्देश विकसित करने, उद्योग के विकास में प्रौद्योगिकीय समावेश और प्रत्यक्ष विक्रेताओं की आजीविका संरक्षण हेतु नीति सृजन पर काम करने का भी निर्णय लिया गया। छवि सुधार को लेकर बैठक में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग को संदिग्ध कम्पनियों से दूर रखने हेतु ठोस उपाय करने तथा जनता को वैध प्रत्यक्ष बिक्री प्रथाओं और उद्योग की विशिष्टता के बारे में जागरूक करने को लेकर अभियान चलाने पर सहमति बनी।
विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में उच्च उत्पाद गुणवत्ता तथा इनकी सामग्री और लाभों को लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित करना, जिम्मेदार और नैतिक कारोबार करने हेतु प्रत्यक्ष विक्रेताओं को व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने, कानूनी ढांचे और नियामक मानकों का पालन सुनिश्चित करने तथा विश्वास और विश्वसनीयता कायम करने हेतु उपभोक्ता संरक्षण तंत्र को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया।
इस अवसर पर आईडीएसए अध्यक्ष विवेक कटोच ने इस अवसर पर कहा, ” बैठक का आयोजन भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की प्रतिष्ठा सुधार और चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पर एकजुट होकर आम करने पर सहमति बनने हम इस उद्योग और कारोबार के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित कर रहे हैं। हमारे सामूहिक प्रयास लाखों लोगों, विशेष रूप से महिलाओं का सशक्तिकरण और उपभोक्ताओं का विश्वास मजबूत करेंगे तथा उद्योग को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। “
विज्ञप्ति के अनुसार, भारत का प्रत्यक्ष बिक्री बाजार इस समय वैश्चिक पायदान पर 11वें स्थान पर है तथा यह सालाना 12 प्रतिशत से अधिक की विकास दर दर्ज कर 21,282 करोड़ रूपये को पार कर चुका है। उद्योग की भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भागीदारी है तथा यह उद्यमिता का एक मंच भी है। प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग अपनी भावी चुनौतियों से निपटते हुये छवि में सुधार करने तथा समावेशी विकास में अपनी क्षमता भूमिका को परिलक्षित करता है।