अंजलि भाटिया
नई दिल्ली ,20 मई, भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई को भले ही युद्धविराम हो गया हो, लेकिन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पूरी तरह अलर्ट मोड पर बना हुआ है। मंत्रालय की ओर से बनाए गए कंट्रोल रूम अब भी सक्रिय हैं और पूरे देश में हाईवे से लेकर अहम बुनियादी ढांचे तक पर नजर बनाए हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कंट्रोल रूम में 24×7 ड्यूटी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों समेत कुल 71 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। मंत्रालय ने 16 मई को आदेश जारी कर साफ किया कि ये व्यवस्था 23 मई तक जारी रहेगी। कंट्रोल रूम में तीन-तीन की शिफ्ट में अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं, जो हर पाली में निगरानी का काम कर रहे हैं। इन कंट्रोल रूम्स की जिम्मेदारी सिर्फ निगरानी तक सीमित नहीं है। इन्हें राज्यों के एनएचएआई और मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारियों (RO) से लगातार इनपुट लेकर मंत्रालय तक पहुंचाना है। इसके अलावा इमरजेंसी लैंडिंग वाले हाईवे, बुनियादी ढांचे की लिस्टिंग, और ट्रैफिक की निगरानी भी इनकी जिम्मेदारी है।
मंत्रालय ने सेना की इमरजेंसी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हाईवे पर त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्विक रिस्पॉन्स टीम) और इमरजेंसी रिपेयर टीम तैनात रखने के आदेश दिए हैं। ठेकेदारों और निर्माण कंपनियों की लिस्ट पहले ही तैयार कर ली गई है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर भारी मशीनों का रिकॉर्ड भी अपडेट किया गया है।
कंट्रोल रूम के अधिकारियों को सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर चल रही हर खबर पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, टोल प्लाजा के कर्मचारियों को साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि वे वाहनों की आवाजाही से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी से साझा न करें।
अगर कंट्रोल रूम में किसी तरह की समस्या आती है तो नोडल अधिकारियों की मदद ली जाएगी। इसके लिए एनएचएआई और एनएचएआईडीसीएल के चेयरमैन के साथ-साथ मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
कुल मिलाकर, भले ही सीमा पर गोलियां थम गई हों, लेकिन मंत्रालय की तैयारियों में कोई ढिलाई नहीं है। हाईवे से लेकर कंट्रोल रूम तक हर मोर्चे पर मुस्तैदी बरकरार है।