आमने-सामने की लड़ाई में भारतीय सेना से बुरी तरह पिछड़ने के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार से फायरिंग व गोला बारूद न दागने की बात कही है। पाकिस्तानी सेना के पीछे हटने के बाद मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस, थल सेना और नौसेना प्रमुख के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान देश की पश्चिमी सीमा को लेकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। रक्षा मंत्री ने सीमा सुरक्षा को लेकर यह समीक्षा की। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए। वहीं वायुसेना प्रमुख की अनुपस्थिति में वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी इस समीक्षा बैठक में उपस्थित रहे।
जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान रक्षा मंत्री को पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा व अंतरराष्ट्रीय सीमा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री को भारत व पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के बीच हुई वार्ता की भी जानकारी दी गई। यह वार्ता सोमवार शाम पांच बजे हॉटलाइन पर हुई थी। इस बातचीत में पाकिस्तान ने कहा है कि वह सीमा पार से एक भी गोली नहीं चलाएगा। वार्ता में कहा गया है कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए।
सेना के मुताबिक इस बात पर सहमति हुई कि दोनों पक्ष यानी भारत और पाकिस्तान सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करें। इसके अलावा भारत व पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हुई अन्य बातचीत की भी पूरी जानकारी रक्षा मंत्री को दी गई है।
वहीं भारत आज यानी मंगलवार को नई दिल्ली में विभिन्न देशों के रक्षा अताशे (डीए) को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तकनीकी विवरण से अवगत कराएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेनाओं द्वारा आतंकवाद के विरोध में शुरू किया गया सैन्य अभियान है। अब भारतीय सशस्त्र बल विभिन्न देशों के रक्षा अताशे के साथ महत्वपूर्ण जानकारी और परिचालन डेटा साझा करेंगे। इस दौरान स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों की परफॉर्मेंस और 7 से 10 मई के बीच किए गए स्ट्राइक मिशन के परिणाम शामिल हैं। सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस सत्र में कई घटनाक्रमों पर चर्चा होगी, जिसमें भारत के वायु रक्षा बलों द्वारा चीनी और तुर्की निर्मित ड्रोनों और पीएल-15 मिसाइलों को नष्ट करना शामिल है, जिससे भारतीय हवाई क्षेत्र में किसी भी तरह की घुसपैठ को रोका जा सका।