कोरोना महामारी के पुन: फैलने के समाचार हर राज्य से आ रहे हैं। वर्ष 2020 में पूरे संसार में फैली कोरोना महामारी का डर अभी तक लोगों के मन से गया था नहीं कि इस महामारी ने उन्हें फिर से डरा दिया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण से हर राज्य की सरकार सतर्क हो गयी है। कहते हैं कि कोरोना महामारी की वापसी चीन के हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर एवं थाईलैंड से हुई है। एशियाई देशों में भी कोरोना महामारी पैर पसार रही है। बीते कुछ दिनों से भारत में भी कोरोना संक्रमित रोगी मिल रहे हैं, जिनकी संख्या बढ़ रही है। भारत में कोरोना महामारी से मई में 12,000 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके थे, जिनमें अधिकतर स्वस्थ हो गये। कोरोना संक्रमण से एक दज़र्न से अधिक लोगों की कथित मृत्यु भी इस बार हो चुकी है।
इन कोरोना महामारी के नये विषाणु का नाम जेएन.1 वेरिएंट है। यह विषाणु ओमिक्रॉन के बीए2.86 नाम के सब-वेरिएंट का वंशज बताया जा रहा है, जिसका पहला मामला अगस्त, 2023 में अमेरिका में मिला था। यह विषाणु तीव्र गति से लोगों में फैलने की क्षमता रखता है, जिसके लगभग 30 म्यूटेशन हैं। इन नये विषाणु के बारे में राष्ट्रीय आईएमए कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष रह चुके डॉ. राजीव जयदेवन कहते हैं कि कोरोना महामारी जिसे सार्स कोव2 भी कह सकते हैं, वास्तव में समाप्त ही नहीं हुआ है। डॉक्टर तनेजा कहते हैं कि संसार में जितने भी रोग अब तक हुए हैं, उनमें से कोई भी सदैव के लिए नष्ट अथवा समाप्त नहीं होता। कोरोना महामारी का रोग भी अब कभी भी सदैव के लिए समाप्त नहीं हो सकेगा। इससे बचने का एक ही उपाय यह है कि लोग अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दें एवं बाहर निकलते समय संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें। कोरोना महामारी के सामान्य लक्षण वही हैं- बुख़ार, सर्दी, जुकाम, सिर दर्द, बदन दर्द, थकान दुर्बलता आदि।

यदि ऐसे लक्षण किसी में दिखें, तो उस रोगी को अलग रखना चाहिए एवं दूसरे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। कोरोना महामारी के बारे में जनसामान्य की राय अलग-अलग है। कुछ लोग कह रहे हैं कि अब इससे उतना डरने की आवश्यकता नहीं है, अब कोरोना महामारी घातक नहीं है। ऐसे लोग कहते हैं कि जिन लोगों ने कोरोना के टीके लगवाये हैं, वे स्वस्थ हैं। मगर जब उनसे यह पूछा गया कि फिर लोगों में कोरोना टीके के बाद हृदयाघात एवं पक्षाघात क्यों हुए हैं? इसका उत्तर किसी के पास उचित नहीं था। कुछ लोग कहते हैं कि कोरोना महामारी तो गयी ही नहीं है। कुछ लोग कहते हैं कि कोरोना के रोगियों की बढ़ती संख्या सरकार की लापरवाही का ही परिणाम है। मगर कुछ लोग तो इसे सरकार का षड्यंत्र ही मान रहे हैं।
वास्तव में भारत में कोरोना महामारी यदि अधिक बढ़ी, तो जनसामान्य के लिए विकट समस्या खड़ी हो जाएगी; क्योंकि वर्तमान में देश के मध्यम एवं निर्धन वर्ग के लोग अनेक समस्याओं से घिरे हुए हैं। महँगाई बेरोज़गारी एवं आर्थिक तंगी ने लगभग मध्यम एवं निर्धन वर्गों के अधिकांश लोगों को पहले ही तंग कर रखा है। मगर प्रश्न यह है कि क्या भारत में इस बार फैल रहा कोरोना महामारी का संक्रमण कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर की तरह घातक एवं हाहाकार मचाने वाला होगा? क्या लोगों को इससे बचाव के लिए पुन: टीके लगवाने होंगे? किन राज्यों में सबसे अधिक संक्रमण फैल रहा है? चिकित्सकों के अतिरिक्त अधिकांश लोग इन प्रश्नों के उत्तर पाना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त यह प्रश्न भी उठ रहा है कि भारत के किन राज्यों में सबसे अधिक संक्रमण फैल रहा है?
केरल में सबसे अधिक संक्रमण
भारत के दक्षिणी राज्य केरल में कोरोना महामारी का संक्रमण सबसे अधिक फैल रहा है। स्वास्थ्य सम्बन्धी सूचनाओं की रिपोर्ट के अनुसार केरल में मई के अंत तक लगभग 1150 के आसपास रोगी कोरोना संक्रमित मिल चुके थे। कुछ दिन पूर्व केरल की स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री वीणा जॉर्ज ने राज्य के जनपदीय चिकित्सा एवं निगरानी अधिकारियों के साथ बैठक की थी। तब उन्होंने बताया था कि केरल में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सतर्क किया गया है कि वे अपने अपने जनपदों में कड़ी सतर्कता बरतें एवं कोरोना महामारी के संक्रमितों की पहचान करके उनके तुरंत उपचार का प्रबंध करें। वीणा जॉर्ज कहती हैं कि दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना महामारी के मामलों में वृद्धि का प्रभाव केरल पर पड़ा है। उन्होंने केरल में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिन्ता व्यक्त करते हुए प्रदेश में चिकित्सीय सतर्कता की बात भी कही।
उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क
देश के अनेक राज्यों में कोरोना महामारी के संक्रमण का प्रभाव उत्तर प्रदेश पर भी पड़ने लगा है। उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में कोरोना महामारी से संक्रमित रोगी मिल रहे हैं। कोरोना महामारी रोगियों की बढ़ती संख्या के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शासित उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार सतर्क हो गयी है। कुछ दिन पूर्व से ग़ाज़ियाबाद, नोएडा, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ एवं कुछ अन्य जनपदों में कोरोना महामारी के रोगी मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित रोगियों के सही आँकड़े नहीं मिले हैं; मगर कहते हैं कि सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कोरोना महामारी को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहकर अस्पतालों में कोरोना महामारी के उपचार हेतु आवश्यक सुविधाएँ जुटाने को कहा गया है। हालाँकि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर अभी कोई सतर्कता अभियान अथवा जागरूकता कार्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है; मगर अस्पतालों में सतर्कता देखने को मिल रही है। कोरोना महामारी के समाचारों के उपरांत लोग पुन: इस महामारी के चर्चा करने लगे हैं।
उत्तराखंड में भी मिल रहे रोगी
वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग हुए पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में मई के मध्य में ही कोरोना महामारी से संक्रमित कुछ रोगियों के मिलने से प्रदेश सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग सजग हो चुके थे। मगर फिर भी कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ने के अतिरिक्त ऋषिकेश एम्स के दो डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित मिलने से लोग डरे हुए हैं। कोरोना महामारी के नये वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, उत्तराखंड में रह रहे लोगों से अधिक बाहरी राज्यों से उत्तराखंड पहुँच रहे लोगों में कोरोना महामारी के संक्रमण की संभावनाएँ हैं। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के लक्षण सबसे पहले बाहर से आयीं दो महिलाओं में मिले थे, जिनमें एक महिला गुजरात की यात्रा से वापस लौटी थी एवं एक महिला बेंगलूरु यात्रा से वापस लौटी थी। उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार कहते हैं कि प्रदेश के सभी जनपदों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये गये हैं। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं उनकी जाँच के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश के सभी अस्पतालों में पहले से ही कोविड प्रोटोकॉल की संभावना बढ़ गयी है।
दिल्ली में भी फैल रहा कोरोना
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी संक्रमण बढ़ने के समाचार प्राप्त हुए हैं। राजधानी में मई महीने के समाप्त होने तक कोरोना महामारी के 300 से आसपास रोगी मिल चुके थे एवं एक रोगी की मौत हो चुकी थी। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह कहते हैं कि दिल्ली सरकार संभावित रोगियों की तुरंत जाँच करा रही है। इसके अतिरिक्त सरकार पता लगा रही है कि संक्रमित रोगी दिल्ली में ही रहते हैं अथवा बाहर से आये हुए हैं। दिल्ली सरकार कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह कहते हैं कि कोरोना महामारी के लक्षण आम फ्लू जैसे ही हैं मगर इस महामारी से बचाव के लिए हर स्थिति से निपटने के लिए उनकी सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने 22 मई तक के लिए कहा कि बीते 10 दिनों में लगभग 23 कोरोना संक्रमित रोगी मिले थे, जो ठीक हैं।
किन-किन प्रदेशों में संक्रमण
भारत के कई प्रदेशों में कोरोना महामारी का संक्रमण फैल रहा है। सबसे अधिक कोरोना संक्रमित रोगी केरल में मिले हैं। इसके अतिरिक्त क्रमश: तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पांडिचेरी, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, सिक्किम आदि राज्यों में कोरोना महामारी से संक्रमित रोगी मिले हैं। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के मध्य राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) व एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) की ओर से कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने एवं सतर्क रहने के दिशा-निर्देश दिये गये हैं।