अंजलि भाटिया
नई दिल्ली , 13 जून
अहमदाबाद में हाल ही में हुए दर्दनाक विमान हादसे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि हादसे में जिन लोगों की जान गई है, उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है और कांग्रेस समेत सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं को घायलों व पीड़ित परिवारों की साहसिक मदद के लिए आगे आना चाहिए।
खरगे ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह पीड़ितों को आर्थिक सहायता, बेहतर चिकित्सा सुविधा और अन्य जरूरी समर्थन तत्काल प्रदान करे। उन्होंने कहा कि सभी घायलों को प्राथमिकता के आधार पर इलाज मिलना चाहिए और हादसे की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
खरगे ने यह भी दावा किया कि पायलट पर निर्धारित समय से पहले उड़ान भरने का दबाव था, और यह तथ्य केवल निष्पक्ष जांच से ही सामने आएगा। उन्होंने कहा कि यह जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाई जानी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह हादसा कैसे हुआ और इसकी जिम्मेदारी किसकी है।
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि शाह का यह बयान कि “दुर्घटनाओं को कोई नहीं रोक सकता”, न केवल गैरजिम्मेदाराना है बल्कि यह त्यागपत्र जैसा वक्तव्य है।
खेड़ा ने सवाल उठाया कि अगर सरकार हादसों को नहीं रोक सकती तो मंत्रालयों और नियामक संस्थाओं का औचित्य क्या है? उन्होंने कहा कि “विमान हादसे दैवीय आपदाएं नहीं हैं”, इसलिए उन्हें रोका जा सकता है। तभी तो हमारे पास नियामक तंत्र, सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली मौजूद हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “क्या यही कहना एक केंद्रीय गृह मंत्री को शोभा देता है? यह बेहद असंवेदनशील बयान है। गौरतलब है कि गुरुवार को अमित शाह ने बयान दिया था कि विमान में ईंधन के कारण तापमान इतना अधिक हो गया था कि किसी को बचा पाना संभव नहीं था।
कांग्रेस ने हादसे की गंभीरता और सरकार की जवाबदेही को रेखांकित करते हुए मांग की है कि पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस और पारदर्शी जांच हो तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।