रांची : झामुमो का दो दिवसीय केंद्रीय महाधिवेशन की शुरुआत सोमवार को रांची में हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में पार्टी ने राज्य के गरीब और आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया।
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में पार्टी ने राज्य के गरीब और आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया। महाधिवेशन में पार्टी की108पन्नों की सांगठनिक रिपोर्ट पेश की गई।
महाधिवेशन में यह भी तय हुआ कि पार्टी पंचायत से लेकर लोकसभा तक हर स्तर पर भाजपा की असमानता और लोकतंत्र विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ेगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा वक्फ कानून हमलोग राज्य में लागू नहीं होने देंगे। झामुमो ने आदिवासी और मूलवासी समुदाय के भूमि अधिकारों की बात दोहराई। पार्टी ने‘जल,जंगल,जमीन’पर समुदाय के अधिकार को फिर से रेखांकित किया और भूमि वापसी अधिनियम बनाने,जंगल में रहने वालों को स्थायी पट्टा देने और परिसीमन के विरोध का ऐलान किया। पार्टी ने कहा कि प्रस्तावित परिसीमन की आड़ में जनजातियों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को कम करने की साजिश रची जा रही है।
राज्यसभा सांसद डॉ. सरफराज अहमद ने कहा वक्फ संशोधन अधिनियम पर विरोध जताते हुए महाधिवेशन में कहा गया कि इससे अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन हो रहा है। भूमि राज्य का विषय है,लेकिन केंद्र ने वक्फ संशोधन से पहले राज्य से सलाह नहीं ली। धर्म और जाति के नाम पर वातावरण बनाया जा रहा है। झारखंड में इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।