पुराने जख्मों पर मारिए न किक भाई
सलमान किक से धूम मचा रहे हैं, निखिल आडवाणी से अपने बैनर की हीरो के कई दृश्य रीशूट करा रहे हैं, सानिया मिर्जा की ट्विटर पर तारीफ कर रहे हैं, परिवार संग ईद मना रहे हैं, लेकिन कैटरीना कैफ को नहीं भूल पा रहे हैं. और कैट से ज्यादा याद उन्हें उनकी कैट के ताजातरीन प्यार रणबीर कपूर आ रहे हैं. सुस्त नहीं चुस्त खबर है कि किक के आइटम सांग की शूटिंग के दौरान फ्री टाइम में भाई ने नरगिस फाखरी के राॅकस्टार हीरो रणबीर का जिक्र बार-बार छेड़ा और रणबीर की खूब बुराई की. उन्होंने नरगिस को भी चाभी मारी ताकि वे रणबीर के बारे में कुछ नया-बुरा बोलें, लेकिन नरगिस मासूम बनी रहीं, और लांछन के इस खेल के लालच में नहीं आईं. नरगिस का असहयोगात्मक रवैया देख सलमान ने उन्हें आगे से किसी फिल्म में न लेने का मन जरूर बना लिया होगा, लेकिन कैट की काटती यादों से भाई को लगती किक का इलाज कैसे होगा? शायद कैट की लुक-अलाइक से.
कंचों से मारेंगे करण, गर लिया पंगा
सितारे जब कबड्डी का लुत्फ ले रहे थे, करण जौहर कबड्डी खेलकर जीत रहे थे. खबर है कि पहले रोहित शेट्टी करण के लिए एक फिल्म बनाने वाले थे लेकिन शाहरुख से उनकी बढ़ती नजदीकियों से मुंह फुलाए बैठे करण ने उस डील पर कील मार दी. ऐसा ही हुआ रणवीर सिंह के साथ जिनके लिए अब धर्मा प्रोडक्शन्स के दरवाजे बंद हैं. रणवीर ने जिस दिन शुद्धि छोड़ भंसाली की बाजीराव मस्तानी साइन की थी, उसी दिन से करण उनके जानी दुश्मन बन गए, और जेब में कंचे लेकर चलने लगे. काश कि रणवीर इमरान खान का हश्र देख लेते. सालों से करण के पसंदीदा इमरान की तीन लगातार फ्लाप फिल्मों के बाद न सिर्फ करण ने उन्हें अपनी अगली फिल्म से बाहर किया, अपने दोस्त-यारों की फैंटम प्रोडक्शन्स की भावेश जोशी से भी किक आउट करा अपने करंट फेवरेट सिद्धार्थ मल्होत्रा को उसमें फिट करा दिया. कहीं कबड्डी टीम की तरह करण के सताए रणवीर-इमरान को कंचा खेलने वालों की टीम न खरीदने पड़ जाए, घर-परिवार का खर्चा निकालने के लिए.
न करते शोर-शराबा तो हनी सिंह क्या करते?
हनी सिंह के पास अभिनय की ऐसी परिभाषा है कि आप अमिताभ की फिल्में देखना छोड़ देंगे. कहते हैं कि अभिनय सामने खड़े अभिनेता की आंखों में आंखें डाल झूठ बोलने की कला है. और चूंकि वे लेखक-संगीतकार हैं इसलिए झूठ नहीं बोल सकते. इस ज्ञान की टंकी का टैप हनी ने इसलिए खोला ताकि ‘एक्सपोज’ में किया गया उनका गंदा अभिनय बहकर कहीं दूर निकल जाए, और वह ग्रैमी अवार्ड्स पर ज्ञान दे सकें. ‘सब कह रहे हैं मैं छा रहा हूं. क्या छा रहा हूं. ग्रैमी तो ला नहीं पा रहा हूं.’ आगे का ज्ञान और भी मजेदार है. ‘मार्टिन लूथर ने सपना देखा था तभी आज ओबामा प्रेसीडेंट हैं. मैंने भी सपना देखा है, अगर मैं नहीं ला पाया तो मेरे जैसा कोई और लाएगा ग्रैमी.’ प्रिय हनी, बस एक सवाल का जवाब दें. बप्पी लहरी ने नकल कर ढेर सारे ग्रैमी-छाप गाने बनाए थे, तो क्या अब बप्पा लहरी को ग्रैमी मिलने की संभावना प्रबल है? अगर हां, तो एक दिन आप की जगह शहद सिंह को ग्रैमी अवश्य मिलेगा. तथास्तु.