पंजाब में अभी दख़ल नहीं देगी भाजपा

पंजाब में विपक्ष के नेता एवं वरिष्ठ कांग्रेसी प्रताप सिंह बाजवा भले ही यह बयान दे रहे हों कि आम आदमी पार्टी के 32 से ज़्यादा विधायक उनके संपर्क में हैं और कुछ अन्य भाजपा के संपर्क में भी हो सकते हैं, भाजपा के कुछ राज्य नेता भी आप सरकार को हिलाने के लिए उत्सुक हो सकते हैं; लेकिन बताया जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व आम आदमी पार्टी की गाड़ी को इतनी जल्दी पटरी से उतारने के लिए तैयार नहीं है।

विधानसभा में आप के पास 117 में से 95 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है। दूसरी बात यह कि भाजपा कुछ साल पहले ही अकाली दल की छाया से बाहर आयी है और कांग्रेस तथा अन्य दलों से प्रतिभाओं को आकर्षित कर रही है। अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पहले ही अपने साले बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के साथ टकराव की राह पर हैं, जो ईडी की जाँच का सामना कर रहे हैं।

भाजपा एक मज़बूत जाट सिख नेता की तलाश में है, जो पार्टी के पारंपरिक हिंदू वोट बैंक को भी अपने साथ जोड़ सके। भाजपा चाहती है कि भगवंत सिंह मान आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की छाया से बाहर आएँ, जो दिल्ली के बाद अब पंजाब पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लेकिन मान के छाया से बाहर आने की संभावना कम है; क्योंकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली टीम के पास विभिन्न समितियों के माध्यम से प्रशासन पर मज़बूत पकड़ है। भाजपा सीमावर्ती राज्य पंजाब में विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त को बढ़ावा नहीं देना चाहती और वह चाहती है कि कांग्रेस यह काम करे। भाजपा केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और अन्य दलों के नेताओं से मिलकर बने नये नेतृत्व पर भरोसा कर रही है।