सरकार का बड़ा फैसला,‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक को मोदी कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली :  मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को वन नेशन वन इलेक्शन को मंजूरी दे दी है। जानकारी के अनुसार अब संसद में जल्द ही इसे पेश भी किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार यह विधेयक संसद के इसी शीतकालीन सत्र में ही ला सकती है।

कैबिनेट एक देश एक चुनाव पर बनी रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर चुकी है। सरकार चाहती है कि इस बिल पर आम राय बने। सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा हो। जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी। इसके साथ ही सभी राज्य विधानसभाओं के स्पीकरों को भी बुलाया जा सकता है। देश भर के प्रबुद्ध लोगों के साथ ही आम लोगों की राय भी ली जाएगी। एक देश एक चुनाव के फायदों, उसे करने के तरीकों पर विस्तार से बात होगी। सरकार को उम्मीद है कि इस बिल पर आम राय बनेगी।

मोदी सरकार इस बिल को लेकर लगातार सक्रिय रही है। सरकार ने सितंबर 2023 में इस महत्वाकांक्षी योजना पर आगे बढ़ने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था। कोविंद समिति ने अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च में सरकार को अपनी सिफारिश सौंपी थी। केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। रिपोर्ट में 2 चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की गई थी। समिति ने पहले चरण के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की सिफारिश की है। जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय के लिए चुनाव कराए जाने की सिफारिश की गई है।

इसके साथ आपको ये भी बता दें कि एक देश एक चुनाव (वन नेशन, वन इलेक्शन) एक ऐसा प्रस्ताव है, जिसके तहत भारत में लोकसभा और राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की बात की गई है। यह बीजेपी के मेनिफेस्टो के कुछ जरूरी लक्ष्यों में भी शामिल है। चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव रखने का यह कारण है कि इससे चुनावों में होने वाले खर्च में कमी हो सकती है।