बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में एक ऐसी युवती है जो मोती की खेती कर लोगों को रोजगार दे रही है. साथ ही इनके इस कार्य को देखकर लोग इन्हें पर्ल क्वीन के से नाम से पुकारने लगे है. हम बात कर रहे पूजा विश्वकर्मा की जो मोती की खेती के लिए पूरे राज्य में प्रसिद्ध है. पूजा ने बताया कि वह सुन्दर गोल-मटोल व रंगीन मोती के अलावा डिजाइनर मोती पानी की टंकी बनाती है. पूजा ने बताया कि वह श्रद्धाजीवन ज्योति वेलफेयर सोसायटी के माध्यम से मोती की खेती का कार्य करती है. उन्होंने बताया जॉब करने के बजाये कुछ नया करने के उद्देश्य से इस क्षेत्र रूचि उत्पन्न हुई. उसके बाद पूजा ने नागपुर जाकर मोती की खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया. वहां से आने के बाद अपने घर में ही मोती की खेती करने की शुरुआत की. फिर धीरे-धीरे इस कार्य में नयापन देने डिजाइनर मोती तैयार करना शुरु कर दिया. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे है.

8 माह करती है परिश्रम
पूजा विश्वकर्मा ने बताया कि मोती की खेती सामान्य खेती की तरह होती है. जिसमें काफी परिश्रम की आवश्यकता होती है. मोती की खेती के लिए तालाब या बहुत बड़ी टंकी या कुआँ होना चाहिए. जिसमें मोती के बीज केमिकल के साथ सीप में डालकर पानी में डाला जाता है. बीच-बीच में देखरेख करने की जरुरत पड़ती है. अंत में बड़ी सावधानी के साथ सीप से मोती निकालने का कार्य किया जाता है.
डिजाइनर मोती कर रही है तैयार
मोती की खेती में सिम्पल मोती के साथ ही गणेश, माँ सरस्वती, भगवान शंकर, ओम, स्वास्तिक के प्रतीक चिन्ह वाले मोती तैयार करती है. इसके साथ ही क्रॉस व अन्य धर्म के अनुसार उनके प्रतीक चिन्ह वाले मोती बनाती है.
लागत से ज्यादा मेहनत
पूजा ने बताया कि मोती की खेती में लागत काम है, लेकिन मेहनत बहुत अधिक होता है. बहुत ही बारिकी से हर एक चीज को देखना व करना होता है. एक मोती को बनाने में 30 से 50 रूपये की लागत आती है, लेकिन एक मोती ज़ब सुन्दर तैयार होती है तो उसकी मार्केट में कीमत अच्छी मिलती है. अच्छी मोती बनाने के लिए काफी धैर्य रखना पड़ता है.