बटलर में पूर्व अमेरिकी रष्ट्रपति ट्रम्प की चुनावी रैली में गोलियाँ चलने के बाद जब उनके चेहरे से ख़ून बह रहा था, तब ट्रम्प की मुट्ठी उठाने की छवि दुनिया भर के लोकतंत्रों में गहरे ध्रुवीकरण के आसन्न ख़तरे की याद दिलाती है। हत्या का प्रयास और विद्रोही ट्रम्प के पहले पद पर बने रहने से रिपब्लिकन दावेदार के अभियान को बढ़ावा मिलेगा; लेकिन बढ़ती बंदूक-संस्कृति और विषाक्त राजनीतिक माहौल पर गंभीर सवाल खड़े होंगे। वास्तव में हमले के बाद संदेशों में अचानक आये बदलाव और अपेक्षित सहानुभूति को देखते हुए यह हमला डोनाल्ड ट्रम्प की संभावनाओं को धक्का पहुँचा सकता है। फिर भी इस घटना से बाक़ी दुनिया को चिन्तित होना चाहिए; क्योंकि यह हमला दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के स्व-अभिषिक्त संरक्षण में हुआ है।
भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गाँधी और सभी वर्गों के नेताओं ने गोलीबारी की घटना की कड़ी निंदा की है। हालाँकि अब कोई भी राहत की साँस ले सकता है कि ट्रम्प सुरक्षित हैं। लेकिन यह घटना जो बाइडेन के विनाशकारी वाद-विवाद प्रदर्शन के बाद व्हाइट हाउस की दौड़ में डेमोक्रेट और उनकी गणना को ख़तरे में डाल देगी। भीषण राजनीतिक हिंसा और कटु बहसों से अमेरिका का रिश्ता बहुत पुराना है और ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल घृणा अभियानों को समाप्त करने के बजाय भावनाओं को और अधिक भड़काने के लिए पार्टी लाइनों के नेताओं द्वारा किया जाता रहा है। अमेरिकी लोकतंत्र ऐसे कई जानलेवा हमलों के दा$गों से भरा पड़ा है। दु:ख की बात है कि पद पर रहते हुए चार अमेरिकी रष्ट्रपतियों- लिंकन, गारफील्ड, मैककिनले और कैनेडी की हत्या कर दी गयी; जबकि रीगन, फोर्ड, ट्रूमैन और रूजवेल्ट सहित कई अन्य उन लोगों में से हैं, जो अपने जीवन पर हमले के बाद बच गये। यह याद रखना चाहिए कि जिस लोकतंत्र में विचारधाराओं का टकराव होता है और जो स्वस्थ लोकतंत्र का आधार है, वहाँ राजनीतिक हिंसा का कोई स्थान नहीं है।
तहलका आवरण कथा : अब जबकि ‘तहलका’ दुनिया-भर में हत्या के प्रयास और लोकतंत्रों के लिए ख़तरे की निंदा करता है, हमारे इस अंक में की कवर स्टोरी- ‘क्रिकेट में कोचिंग घोटाला!’ में ‘तहलका’ एसआईटी ने कभी न ख़त्म होने वाले भ्रष्टाचार के बीच वर्षों पहले मैच फिक्सिंग कांड के बाद आईसीसी कोचिंग प्रमाण-पत्रों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को उजागर किया गया है। फ़ज़ीर् ग्राहक बने ‘तहलका’ रिपोर्टर के जासूसी कैमरे के सामने एक दलाल दावा करता है- ‘आपको चयन प्रक्रिया या परीक्षा के बारे में चिन्ता करने की ज़रूरत नहीं है। मैं इसका ध्यान रखूँगा; क्योंकि मैंने पहले भी इस तरह से प्रमाण-पत्र प्राप्त किया है।’
आईसीसी, जो क्रिकेट के लिए 108 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए वैश्विक शासी निकाय के रूप में कार्य करता है; वर्ष में दो बार लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 के लिए क्रिकेट कोचिंग शिक्षा पाठ्यक्रम आयोजित करता है। दलालों का दावा है कि उन्होंने प्रमाण-पत्रों की व्यवस्था करने के लिए दुबई में आईसीसी मुख्यालय में अपने संपर्कों का लाभ उठाया था और हमें (‘तहलका’ रिपोर्टर को) बस लेवल-1 का कोर्स पूरा करने के लिए अपने उम्मीदवार (जो कि काल्पनिक है) को एक सप्ताह के लिए दुबई भेजना है; और वे (दलाल) बाक़ी काम सँभाल लेंगे। इससे पता चलता है कि सज्जनों के इस खेल में सब कुछ ठीक नहीं है।