जनपद के ऊपरी इलाकों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। रविवार को दोनों नदियाँ खतरे के निशान के करीब बहने लगीं, जिसके चलते प्रशासन ने नदी किनारे बसी बस्तियों में अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन द्वारा लगातार लोगों को जागरूक कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है।
बरसात का मौसम शुरू होते ही जिले में भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में वृद्धि की घटनाएँ आम हो जाती हैं। इस वर्ष ऊपरी क्षेत्रों में हुई अत्यधिक वर्षा के कारण नदियाँ विकराल रूप धारण कर रही हैं, जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रविवार सुबह 8 बजे नदियों का जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलते ही संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया था।
आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.एस. रजवार के अनुसार, अलकनंदा नदी का जलस्तर 626.10 मीटर दर्ज किया गया, जो 626 मीटर के खतरे के निशान से थोड़ा ऊपर है। वहीं, मंदाकिनी नदी 624.70 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के निशान 625 मीटर से कुछ ही नीचे है।
उन्होंने बताया कि “नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए हम लगातार नदी किनारे रहने वाले लोगों को सचेत कर रहे हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से पहले उन्हें समय पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।” हालांकि, शाम तक दोनों नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज की जाने लगी थी, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।
अलकनंदा नदी- खतरे का निशान: 626.00 मीटर, खतरे का स्तर: 627.00 मीटर , वर्तमान जलस्तर: 626.10 मीटर
मंदाकिनी नदी– खतरे का निशान: 625.00 मीटर, खतरे का स्तर: 626.00 मीटर, वर्तमान जलस्तर: 624.70 मीटर