मानसून सत्र में विपक्ष का आक्रामक रुख, सरकार को चारों तरफ से घेरा

अंजलि भाटिया
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में बुधवार का दिन विपक्ष की एकजुटता और आक्रामक तेवरों का गवाह बना। कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने संसद के भीतर और बाहर, दोनों मोर्चों पर सरकार को घेरने की रणनीति अपनाई। मुद्दे चाहे डोनाल्ड ट्रंप के विवादित दावे हों, ननों की गिरफ्तारी, बिहार का एसआईआर विवाद या फिर नेहरू पर बार-बार हो रहे राजनीतिक हमले विपक्ष ने हर मोर्चे पर तीखा हमला बोला।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में भूमिका निभाने के दावे पर विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को घेरा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ट्रंप का नाम तक नहीं ले पा रहे, क्योंकि उन्हें डर है कि ट्रंप सच्चाई उजागर कर देंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार की विदेश नीति को निशाने पर लेते हुए कहा कि विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री गोलमोल जवाब दे रहे हैं, जबकि उन्हें साफ तौर पर कहना चाहिए कि ट्रंप गलत बोल रहे हैं।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कुछ छिपा रही है और जवाब देने से बच रही है। वहीं गुरजीत सिंह औजला ने सवाल उठाया कि अगर ट्रंप 29 बार ‘सीजफायर’ का दावा कर चुके हैं, तो प्रधानमंत्री खुलकर इसका खंडन क्यों नहीं कर रहे?
छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर कांग्रेस ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में कांग्रेस सांसदों ने बीजेपी सरकार पर अल्पसंख्यकों को टारगेट करने का आरोप लगाया। प्रियंका ने कहा कि ये महिलाएं निर्दोष हैं और उन्हें जबरन झूठे मामलों में फंसाया गया है। उन्होंने इनकी तत्काल रिहाई की मांग की।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भी विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला। सोनिया गांधी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने इसे गरीबों, प्रवासी मजदूरों और महिलाओं के खिलाफ साजिश करार दिया। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार चुनाव आयोग के जरिए मतदाता सूची में छेड़छाड़ कर रही है। हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एसआईआर एक नियमित प्रक्रिया है और चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है। जयराम रमेश ने कहा, “सरकार के पास आज की समस्याओं का हल नहीं है, इसलिए वह नेहरू को दोष देने की रणनीति अपना रही है। यह ‘नेहरू फोबिया’ का प्रमाण है।
वही आज लोकसभा में प्र्शनकल और शून्यकाल में सभी सांसदों ने अपने अपने राज्यों से जुड़े मुद्दे को रखा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंहने प्रश्नकाल के दौरान कहा, “डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन, अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), अंतरिक्ष का उपयोग करके कृषि उत्पादन का पूर्वानुमान, कृषि मौसम विज्ञान और भूमि आधारित अवलोकन (फसल) (फसल क्षेत्रफल आकलन और उत्पादन पूर्वानुमान) सहित सरकार की कई प्रमुख पहलों के समर्थन में अंतरिक्ष-आधारित इनपुट का उपयोग किया जा रहा है।
शून्यकाल में कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह वायनाड के भूस्खलन पीड़ितों के ऋण माफ करे। इस प्राकृतिक आपदा ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली, सैकड़ों परिवार उजड़ गए और अब भी प्रभावित लोग पुनर्वास की राह देख रहे हैं।
उन्होंने केंद्र से अपील की कि वह वायनाड के लिए विशेष पैकेज जारी करे और पीड़ितों पर लादे गए ऋण को तत्काल माफ किया जाए, ताकि वे एक नई शुरुआत कर सकें।जालौर-सिरोही से लोकसभा सांसद लुंबाराम चौधरी ने अपने संसदीय क्षेत्र की जल संकट की गंभीर समस्या को उठाते हुए नर्मदा का पानी जालौर और सिरोही जिलों तक पहुंचाने की मांग की। उन्होंने कहा कि दोनों जिले डार्क जोन घोषित हैं, जहां पीने के पानी और सिंचाई के लिए आवश्यक जल संसाधन मौजूद नहीं हैं