लोकसभा की मंजूरी के बाद वक्फ विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा

लोकसभा ने बुधवार रात वक्फ संशोधन विधेयक को बहुमत से पारित कर दिया। विधेयक के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। सभी विपक्षी संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज कर दिए गए। विधेयक पर करीब 12 घंटे लंबी चर्चा हुई, जिसके बाद यह अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए पुराने कानून में सुधार करना है, न कि किसी धर्म में हस्तक्षेप करना। उन्होंने विवादास्पद धारा 40 को हटाने की बात कही, जिसके तहत वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित कर सकता था और केवल न्यायाधिकरण में चुनौती दी जा सकती थी।

विपक्षी सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल करने का प्रस्ताव रखा, जो वोटिंग में खारिज हो गया। विपक्ष ने विधेयक को असंवैधानिक बताया, जिस पर रिजिजू ने जवाब दिया कि जब 1954 से यह कानून अस्तित्व में है, तो उसमें सुधार असंवैधानिक नहीं हो सकता।

गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान विपक्ष पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि वक्फ बोर्ड को सरकारी संपत्तियों पर अधिकार देने की यह नीति अब नहीं चलेगी। उन्होंने 2013 में यूपीए सरकार द्वारा किए गए संशोधन को अराजकता फैलाने वाला बताया और कहा कि सरकार अब कठोर कानून बना रही है।