अंजलि भाटिया
नई दिल्ली- सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने और वाहन चालकों पर जुर्मानों का बोझ कम करने के उद्देश्य से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राजमार्गों पर उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (Advanced Traffic Management System – ATMS) लागू करने का निर्णय लिया है। यह प्रणाली अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों से लैस है और यातायात नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन में मददगार साबित हो रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 2014 से ही सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में अब देश के प्रमुख राजमार्गों पर इस नई तकनीक से निगरानी और चालान प्रणाली को सुदृढ़ किया जा रहा है।
भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCL) के मुख्य उत्पाद अधिकारी अमृत सिन्हा ने बताया कि फिलहाल यह प्रणाली 5,000 किलोमीटर राजमार्गों पर लागू की जा चुकी है। इसमें द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे जैसे महत्वपूर्ण मार्ग शामिल हैं।
अमृत सिन्हा ने बातया की उदाहरण के तौर पर द्वारका एक्सप्रेसवे के 56 किलोमीटर के क्षेत्र में 110 एआई-सक्षम कैमरे लगाए गए हैं, जो घटना पहचान एवं प्रवर्तन प्रणाली (VIDES) से जुड़े हैं। ये कैमरे ट्रिपल राइडिंग, बिना हेलमेट या सीटबेल्ट के वाहन चलाना, उल्टी दिशा में गाड़ी चलाना, तेज रफ्तार, ओवरटेकिंग, पैदल यात्री की आवाजाही और राजमार्ग पर पशुओं की मौजूदगी जैसे कुल 14 प्रकार के उल्लंघनों की स्वतः पहचान कर चालान जारी करते हैं।
प्रणाली के अंतर्गत चालान स्वचालित रूप से संबंधित व्यक्ति को डिजिटल माध्यम से भेजा जाता है। अधिकारियों का मानना है कि इस तकनीक से न केवल नियमों के उल्लंघन में कमी आएगी, बल्कि सड़क सुरक्षा को भी बल मिलेगा।
यह प्रणाली अगले दो से तीन वर्षों में महाराष्ट्र सहित देश भर के 50,000 किलोमीटर चार-लेन और उससे अधिक चौड़ाई वाले राजमार्गों पर लागू की जाएगी। फिलहाल यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के कोटा खंड में भी प्रभावी रूप से कार्य कर रही है।
सरकार का उद्देश्य है कि तकनीक के माध्यम से यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित हो और दुर्घटनाओं की दर में ठोस गिरावट आए।