देशभर के सामरिक हाइवे, पुलों, सुरंगों डाटा बैंक तैयार होगा

अंजलि भाटिया
नई दिल्ली, 13 जून , भारत सरकार ने सीमा क्षेत्रों में स्थित सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत, सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों, पुलों और सुरंगों की सूची तैयार करने और एक डाटा बैंक बनाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि युद्ध जैसी स्थिति में इन बुनियादी ढांचों को सुरक्षित रखा जा सके। इसके अलावा, सरकार वैकल्पिक रास्तों और कनेक्टिविटी के खाके पर भी काम कर रही है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने इस संबंध में शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें भारत की यूनियन वॉर बुक के तहत देशभर के प्रमुख, सीमावर्ती और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए। इस डाटा बैंक में न केवल मौजूदा बुनियादी ढांचे को शामिल किया जाएगा, बल्कि निर्माणाधीन राजमार्ग, पुल, सुरंग और भारी निर्माण उपकरण भी दर्ज किए जाएंगे। इस डाटा बैंक का एक प्रमुख लाभ यह होगा कि इसे ऑनलाइन निगरानी के माध्यम से ट्रैक किया जा सकेगा।
साथ ही, एनएचएआई, एनएचएआईडीसीएल और बीआरओ जैसे संस्थाओं को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि युद्ध की स्थिति में इन बुनियादी ढांचों के संचालन में कोई रुकावट न हो, इसके लिए वैकल्पिक कनेक्टिविटी के रोडमैप पर भी काम चल रहा है। इससे सेना को युद्ध की स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग केवल 2% सड़कों का हिस्सा हैं, लेकिन इन पर करीब 40%सड़क यातायात चलता है। ये राजमार्ग सीमावर्ती और पहाड़ी क्षेत्रों को जोड़ने में मदद करते हैं, जो सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये सड़कें सेना को त्वरित गति से सीमा तक पहुंचाने, हथियार और रसद पहुंचाने और सैनिकों को तैनात करने में मदद करती हैं। ये सेना को नदियों, पहाड़ों और अन्य दुर्गम इलाकों को आसानी से पार करने में सक्षम बनाते हैं।

भारत की यूनियन वॉर बुक एक गोपनीय दस्तावेज है, जो युद्ध की स्थिति में विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है। इसमें विशेष रूप से सामरिक महत्व के राष्ट्रीय राजमार्गों, पुलों और सुरंगों की निगरानी और रखरखाव को प्राथमिकता दी जाती है, जो देश की रक्षा तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।यह बुनियादी ढांचा न केवल युद्ध जैसी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है, बल्कि भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए भी एक अहम स्तंभ है।