छोटे पर्दे पर गूंगी गुड़िया

मनोरंजन चैनल 9 एक्स और इसके मालिकों इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के लिए इंदिरा गांधी के जीवन पर टीवी धारावाहिक बनाने का फ़ैसला एक बड़े जुए जैसा है। इसकी घोषणा होने के साथ ही ये ख़बर बन गई और कार्यक्रम पूरा होने तक और शायद उसके बाद भी ऐसा ही होता रहेगा। मगर इंद्राणी इसे लेकर कतई चिंतित नहीं है। लाख बार मरने की बजाय मैं एक बार ढ़ंग से जीना पसंद करूंगी, वे कहती हैं और इस बात पर आश्चर्य जताती है कि इतने चमत्कारिक व्यक्तित्व के ऊपर देश में कभी कोई फिल्म बनाने की कोशिश क्यों नहीं की गई।

इंद्राणी बिना लागलपेट के ये भी बताती हैं कि ये आइडिया उनके ही दिमाग की उपज है, उनके पति की नहीं, जिन्हें देश के सबसे सफलतम टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति शुरू करने का श्रेय दिया जाता है। इंद्राणी के मुताबिक, अगर हमने इस विषय पर धारावाहिक नहीं बनाया तो कोई और बना लेगा। उनकी सोच बिल्कुल साफ है, वो इस मामले में दूसरों से बाजी मार लेना चाहती हैं। फिलहाल इस धारावाहिक का शीर्षक इंदिरा गांधी ही है और इसे हिंदी और अंग्रेज़ी दोनो भाषाओं में बनाया जाएगा।

पवार के मुताबिक उन्हें 10 जनपथ से स्वीकृति मिल चुकी है और इसी वजह से शायद वो इतने आश्वस्त भी नज़र आते हैं। मगर इस पर ज्यादा कुछ न बोलते हुए वे सिर्फ इतना कहते हैं कि वे गांधी परिवार की सहमति लिए बिना ऐसा नहीं कर सकते थे।

9 एक्स ने इसके लिए उत्तम सिंह पवार को बतौर कंटेंट हेड नियुक्त किया है। पवार राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के देवर और पूर्व सांसद हैं। उनके कंधों पर छह महीनों तक पूरे देश भर में चलने वाली शूटिंग के बाद धारावाहिक को चैनल पर प्रसारित करने की जिम्मेदारी डाली गई है। । हमने उनकी ज़िंदगी पर काफी पहले एक फिल्म बनाने का फैसला किया था और उसकी शूटिंग भी शुरू हो गई थी। मैंने मनीषा कोईराला को इंदिरा गांधी और अमरीश पुरी को मोरारजी देसाई की भूमिका के लिए चुना था। लेकिन किन्हीं वजहों से हमारे साथ कई दुर्घटनाएं हुईं और ये योजना परवान नहीं चढ़ सकी। मेरे मुख्य कैमरामैन तक की इस दौरान मौत हो गई। 9 एक्स के लिए इसे दोबारा से शुरू करके मुझे बेहद खुशी हो रही है, पवार तहलका को बताते हैं।

कुछ छोटी मोटी जानकरियों के अलावा 9 एक्स और पवार ज़्यादा कुछ बताने को तैयार नहीं होते। वो इस बात का भी खुलासा नहीं करते कि इस धारावाहिक का निर्देशन वो खुद करेंगे या कोई औऱ। मुख्य किरदार के लिए करिश्मा कपूर से लेकर तब्बू तक के नाम हवा में होने की बात पर वे कहते हैं, मैं आपको ज्यादा कुछ नहीं बता सकता लेकिन इतना कह सकता हूं कि इसमें न तो तब्बू है न करिश्मा कपूर और न ही ऐश्वर्या राय।

इस बात की भी संभावना है कि पवार, स्वर्गीय कमलेश्वर द्वारा इंदिरा गाधी पर किए गए वृहद शोध का सहारा लें। दूरदर्शन के मुखिया रहे कमलेश्वर ने गांधी पर गंभीर अध्ययन किया था और उनके जीवन से प्रेरित मशहूर लेखक-निर्देशक गुलज़ार की फिल्म आंधी की पटकथा भी लिखी थी।

पवार के मुताबिक उन्हें इसके लिए 10 जनपथ से भी स्वीकृति मिल चुकी है और इसी वजह से शायद वो इतने आश्वस्त नज़र आते हैं। मगर इस पर ज्यादा कुछ न बोलते हुए वे सिर्फ इतना कहते हैं कि वे गांधी परिवार की सहमति लिए बिना ऐसा कर ही नहीं सकते थे।

उनकी घोषणा पर तत्काल प्रतिक्रियाएं भी हुई हैं। उनका जीवन सफलताओं और त्रासदियों की महागाथा है। टेलीविज़न का पर्दा इतने व्यापक व्यक्तित्व को समेटने के लिए बहुत छोटा है, मशहूर इतिहासकार और इंदिरा गांधी की करीबी और उनकी जीवनी लेखिका पुपुल जयकर की बेटी डॉ. राधिका हेर्ज़बर्गर कहती हैं।

ये देखना काफी रोचक होगा कि पवार और इंद्राणी मुख्य भूमिका के लिए किसे चुनते हैं। लास्ट एम्परर और क्राउचिंग टाइगर, हिडेन ड्रैगन जैसी फिल्मों की सह निर्माता चाइना फिल्म ग्रुप कॉर्पोरेशन ने इंदिरा गांधी के ऊपर बनने वाली द्विभाषीय (चीनी और अंग्रेज़ी) फिल्म बानडुंग सोनाटा के लिए पेरीजाद ज़ोराबियन को पहले से ही साइन किया हुआ है। इस फिल्म का मुख्य विषय 1955 में आयोजित हुआ एशिया-अफ्रीका सम्मेलन है जो कि एशियाई और अफ्रीकी देशों का ऐसा पहला सम्मेलन था जिसमें महाशक्तियों को शामिल नहीं किया गया था।

अब ये पवार और मुखर्जी के ऊपर है कि वो एक ऐसा चेहरा पेश करें जिसे सारा देश स्वीकार करे। आखिरकार भारत में सितारे ही तो हैं जो किसी कार्यक्रम की सफलता-असफलता तय करते हैं।

शांतनु गुहा रे