समंदर : दो कविताएं

1-

समंदर की लहरें भी

बहुत कुछ कह जाती हैं

आते जाते….

मसलन,

जिंदगी हारने का नाम नहीं,

मेरी ही तरह उठो

और आगे बढो

मंजिल के करीब पहुंच

तुम गिर जाओ तब भी

मत हारो हौसला…

मसलन,

दूर, बहुत दूर

चले जाने के बाद भी

बुलंदी के साथ

वापस आना सीखो

और अपने आगोश में ले लो

समय को भी तुम……!

2- 

जिंदगी भी तो कुछ कुछ

समंदर की लहरों की मानिंद

चलती है,

कभी-कभी हौले

तो कभी तेज

थपेडे दुख के

और झोंके सुख के

वैसे ही जैसे

ज्वार और भाटे

हां, एक बात

जुदा होना चाहिए

जिंदगी और समंदर में,

कभी जिंदगी में

समंदर सा

खारापन  न हो

कयोंकि फिर

मजा नहीं रह जाता

जीने का…..!

                                                        अतुल श्रीवास्तव

राजनंदगांव, छत्तीसगढ़ के रहने वाले अतुल, एक निजी न्यूज़ चैनल में पत्रकार हैं.

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