'खाए-पियों' का मैचमेकर

चार साल से नरेश सिद्धू के माता-पिता परिवार की बहू के लिए  हाथ-पांव मार रहे थे. उन्होंने कई मैरिज ब्यूरो से संपर्क किया, शादी की तमाम वेबसाइटों पर उसका प्रोफाइल डाला, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया. वे जानते थे कि ऐसा क्यों हो रहा है. वजह थी नरेश का मोटापा. दिल्ली में अपना कारोबार करने वाले 30, ‘उन दिनों मेरा वजन 90 किलो था. हमेशा यही होता था. लड़कियों के मां-बाप आते मगर मुझे देखते ही अचकचा-से जाते. जाने के बाद उनका फोन आता और वे कहते कि यह रिश्ता नहीं हो पाएगा.’ साल के नरेश फीकी मुस्कान के साथ बताते हैं

फिर एक दिन बिना किसी को बताए नरेश ने अपने जैसे लोगों के लिए ही बनी वेबसाइट ओवरवेट शादी डॉट कॉम पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा दिया. उन्हें हैरानी हुई जब कुछ ही हफ्तों बाद ऑनलाइन चैट करते हुए उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई जो उनकी तरह ही संगीत का शौक रखती थी. नरेश बताते हैं, ‘मुझे एक ऐसी लड़की मिल ही गई जो मेरी भीतरी सुंदरता देख सकती थी. हमारी जम गई. मैंने पूरी दुनिया को यह बात बताई और सबकी खुशी का पारावार न रहा. हमने पिछले साल ही शादी की है. यह मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा वक्त है.’

‘हमेशा यही होता था. लड़कियों के मां-बाप आते मगर मुझे देखते ही अचकचा-से जाते. जाने के बाद उनका फोन आता और वे कहते कि यह रिश्ता नहीं हो पाएगा’

नरेश को गुड़गांव में रहने वाली दो बहनों, अदिति सिंघल और मेघा गुप्ता का शुक्रगुजार होना चाहिए जिन्होंने 2008 में अपनी ही एक बहन की व्यथा से प्रभावित होकर यह वेबसाइट शुरू की थी. आज यह वेबसाइट ऐसे अविवाहितों के बीच चर्चा का विषय बनती जा रही है जो मोटापे के शिकार हैं.

शादी के नजरिए से देखें तो हमारी प्रचलित संस्कृति में मोटापे के प्रति हीनता आम बात है. हाल ही में शोएब मलिक-आएशा सिद्दीकी-सानिया मिर्जा के प्रेम त्रिकोण में दो बातें उजागर हुईं. पहली, आएशा ने अपना घर छोड़ने से इनकार कर दिया था क्योंकि वे बेहद मोटी हैं और दूसरी बात शोएब ने उन्हें छोड़ा ही इसलिए क्योंकि उनके साथी खिलाड़ी कहते थे कि वे बहुत मोटी हैं. मौजूदा दौर की संस्कृति ने भी मोटापे के प्रति हीनभावना को हवा दी है. जी टीवी पर आ रहे एक लोकप्रिय धारावाहिक 12/24 करोलबाग में एक मां अपनी 30 साल की मोटी बेटी के भाग्य को लेकर हमेशा रोती-बिलखती रहती है और आखिरकार वह अपनी बेटी का ब्याह पीले दांतों वाले एक लंपट से कर देती है. गुरिंदर चड्ढा की नई फिल्म इट्स ए वंडरफुल आफ्टरलाइफ भी इसी विषय के इर्द-गिर्द रची गई है जिसमें एक सांवली-मोटी लड़की अपने लिए आदर्श पति की तलाश में है.

आज नरेश जब शादी से पहले की जिंदगी के बारे में सोचते हैं तो पाते हैं कि मोटापे के प्रति सामाजिक धारणाओं का उन पर बहुत गहरा असर पड़ा. वे बताते हैं, ‘मैं इस तिरस्कार को और नहीं झेल सकता था. मेरे परिवार का माहौल इसकी वजह से बहुत तनावपूर्ण हो गया था. मैंने इस वेबसाइट पर इसीलिए रजिस्ट्रेशन करवाया क्योंकि मेरा मोटापा यहां कोई मुद्दा नहीं था. और एक बार किसी ने आपके मोटापे को स्वीकार कर लिया तो उसके बाद वह आपके दूसरे गुणों की परख करता है ताकि वह आपके साथ जीवन बिताने का निर्णय ले सके.’

यह काम इसी तरह से हो यह सुनिश्चित करने के लिए ओवरवेट शादी डॉट कॉम स्क्रीनिंग प्रक्रिया के दौरान अदिति बेहद सावधानी बरतती हैं. वे बताती हैं, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से हर रजिस्ट्रेशन की जांच करती हूं. हम मौज मस्ती की तलाश कर रहे 18 साल के युवाओं को यहां आने की इजाजत नहीं देते, क्योंकि यह एक गंभीर मुद्दा है.’

गीतांजलि सिंह उन अभिभावकों में से एक हैं जिन्हें भरोसा नहीं होता था कि यह वेबसाइट कोई गंभीर प्रयास हो सकती है. वे अपनी 75 किलो की बेटी के लिए एक अच्छा दूल्हा तलाश करने में पांच साल खर्च कर चुकी थीं. वे कहती हैं, ‘मैं इसके बिल्कुल खिलाफ थी. लेकिन जब मैंने देखा कि मेरी बेटी के प्रोफाइल पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं तो मुझे एक उम्मीद दिखने लगी.’ इसी तरह की एक दु्खियारी मां अपनी 35105, ‘उनका मानसिक संतुलन डगमगाने वाला था मगर रजिस्ट्रेशन के दो महीने के भीतर ही उन्हें अपनी बेटी के लिए जीवनसाथी मिल गया.’ वर्षीया बेटी के साथ अदिति के पास पहुंची थीं जिसका वजन किलो था. अदिति बताती हैं.

हम अदिति से पूछते हैं कि क्या उनकी वेबसाइट पर ऐसे लोग भी आते हैं जो वास्तव में मोटे लोगों के प्रति आकर्षित हों. जवाब में वे कहती हैं, ‘हां, ऐसे सामान्य लोग भी खुद को रजिस्टर करवाते हैं जिन्हें मोटापे के शिकार लोगों के साथ शादी करने में कोई दिक्कत नहीं है.’ उनकी बात सही भी लगती है. उनकी बेबसाइट पर रजिस्टर्ड हर व्यक्ति मोटापे का शिकार नहीं है. संजना इसका उदाहरण हैं. 23 साल की संजना मुंबई की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करती हैं. वे कहती हैं, ‘मैं एक ऐसा परिपक्व जीवनसाथी चाहती हूं जो मुझे मेरे वजन के इतर देखे. जब मैंने खुद को इस वेबसाइट पर रजिस्टर किया तो मेरे माता-पिता थोड़े आशंकित थे लेकिन मैं अपनी जिद पर अड़ गई.’

आखिर संजना की मुराद पूरी हुई. आजकल वे 27 साल के अंगद सूद के साथ डेटिंग कर रही हैं. अंगद का वजन 90 किलो से भी ज्यादा है और संजना खुश हैं कि उन दोनों को ही फोटोग्राफी का जुनून है. पेशे से चार्टेर्ड एकाउंटेंट अंगद खुद को खुशकिस्मत समझते हैं कि उन्हें संजना जैसी लड़की मिली. अब उन्होंने निश्चय कर रखा है कि अब इस रिश्ते में वे जाति और जन्मपत्री जैसी चीजों को बीच में नहीं आने देंगे. वे पंजाबी हैं जबकि संजना जाट.

मगर ऐसा कभी-कभी ही होता है. ऐसे रिश्तों में भी जाति और धर्म की एक बड़ी भूमिका होती है. अदिति बताती हैं, ‘अभिभावक हमें व्यक्तिगत रूप से फोन करते हैं. तमिल को तमिल रिश्ता ही चाहिए होता है और गुजराती को गुजराती. उनकी भी जाति और धर्म से जुड़ी मांगें होती हैं. यह दुख की बात है.’

वैसे यहां पर भी ऐसा हो सकता है कि वजन में थोड़ा-सा अंतर भी रिश्ता बना या बिगाड़ दे. 25 वर्षीय भाषा प्रशिक्षक राजेश सिंह का वजन 85 किलो है. तमाम लड़कियों द्वारा ठुकराए जाने के बाद उन्होंने यहां पर रजिस्ट्रेशन करवाया था. वे बिना हिचक के कहते हैं कि उनके सामने अगर दो लड़कियां हों और उनमें एक जैसे गुण हों तो वे दोनों में से पतली वाली को चुनेंगे. दिल्ली में रहने वाले राजेश बताते हैं, ‘आप मुझे पाखंडी कह सकती हैं, पर मैं ईमानदारी से यह बात बता रहा हूं. मेरा इस तरह से सोचना एकदम स्वाभाविक है.’  वे शौकिया टेनिस खेलते हैं लेकिन अपना वजन घटाने की चिंता उन्हें कभी नहीं रहती. वे शानदार जिंदगी और बढ़िया खाने की इच्छा रखते हैं और इसे छोड़ नहीं सकते. वे कहते हैं, ‘मैंने देखा है लोग सलाद के पत्तों पर जिंदगी बिताते हैं. मगर इसका कोई मतलब नहीं.’

फिलहाल शादीशुदा खुशहाल जिंदगी बिता रहे नरेश अपनी खोज से जुड़ी एक अजीब विडंबना का जिक्र करते हैं, ‘खुद के मोटा होने के बावजूद, जब मेरे परिवारवालों को पता चला कि मैंने दुल्हन की खोज में कोई विज्ञापन दिया है तो उन लोगों ने वही पुरानी शर्तें जोड़ दीं- जरूरत है- दुबली, लंबी, गोरी और खूबसूरत लड़की की.’ इसकी वजह सिर्फ यह थी कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि यहां पर उनका भी मूल्यांकन होगा.

तमाम विरोधाभासों के बावजूद ओवरवेट शादी डॉट कॉम को इस बात का श्रेय तो दिया ही जा सकता है कि उसने मोटापे से परेशान लोगों को उस दुनिया से पूरी तरह से अलग-थलग होने से बचाए रखा है जहां छरहरापन ही सुंदरता का सबसे बड़ा पैमाना है.