चक्र सुदर्शन
ऐंट्री मिली न भोज में, मज़ा मीडिया लीन, चार बरस से सह रहे, अमर सिंह तौहीन। अमर सिंह तौहीन, बुलावा मां का आया, पल भर में ही पट्ठे ने, मतभेद भुलाया। चक्र सुदर्शन, फेंकी पिछली डॉक्यूमेंट्री, फ़िल्म न होगी फ़्लॉप, मार दी ऐसी ऐंट्री। अशोक चक्रधर |