लंका में ही रहिए


चक्र सुदर्शन

दीजे हमको आज्ञाआज अयोध्या जायं,

मित्र विभीषण,  अब हमें पुष्पक से पहुंचायं.

पुष्पक से पहुंचायंजानकी संग हमारे,

बोले राम- राक्षस हमने सब संहारे.

चक्र सुदर्शनदृश्य हुआ ऐसा बेदरदी,

पुष्पक के पायलेटों ने स्ट्राइक कर दी.  

                                                   अशोक चक्रधर

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