खुशी प्रायोजित की जाएगी ठंडे चूल्हे के पास बैठी हुई एक बीमार औरत मुस्कराएगी
लंबी गाड़ी से उतरेगी एक गदराई हुई औरत और बनावटी फूल बीमार औरत को सौंपकर नए साल की शुभकामनाएं देगी
हताश चेहरे जादुई शीशे में खिले हुए नजर आएंगे सरकार जादुई शीशों का मुफ्त वितरण करेगी
असफलताओं की वीरानी में एक उत्सव का मंजर होगा मरघट जगमगा उठेंगे खोमचेवाले बेचेंगे सपने
जिन्हें ठीक से नींद नहीं आती जो देश के बारे में इतिहास के बारे मेंअधिक सोचते हैं उन्हें अफीम चाटने के लिए मुहैया कराई जाएगी पदवियां दी जाएंगी, पुरस्कार दिए जाएंगे
दुनिया देखेगी खुशी से दमकते चेहरे समाचार चैनलों पर इंटरनेट पर
दिनकर कुमार
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