चक्र सुदर्शन
सत्यम के संग शिव नहीं, शिव संग सुंदर नाहिं, धन अंसुअन की झील में, शेयर पड़े कराहिं. शेयर पड़े कराहिं, बचा नहीं एक अधन्ना, बजे तड़पती ताल, ताक धन धन धन धन्ना . चक्र सुदर्शन, हवस खोपड़ी करती धमधम, हाय असत्यम, हाय असत्यम, हाय असत्यम. अशोक चक्रधर |