बॉण्ड सिरीज की 22वीं फिल्म कई मायनों में पहली कही जा सकती है. इसका शुरुआती संगीत ही परंपरागत बॉण्ड संगीत से अलग है, ये अब तक की पहली बॉण्ड फिल्म है जो सिक्वेल है यानी कसीनो रॉयाल की अगली कड़ी, इसके अलावा इस फिल्म में पहली बार बॉण्ड मॉडर्न गेजेट्स की बजाय भुजाओं के जोर से दुश्मनों को धूल चटाता नज़र आया है जो पिछले बॉण्ड के मुकाबले थोड़ा कम मशीनी लगता है. इस तरह से क्वांटम ऑफ सोलेस या कहें कि डेनियल क्रेग उन दर्शकों को भी काफी हद तक संतुष्ट करने में कामयाब रहे हैं जिन्हें कसीनो रॉयाल का बॉण्ड दुश्मनों के सामने थोड़ा कमजोर लगा था.
कसीनो रॉयाल की यही कमजोरी क्वांटम ऑफ सोलेस की बुनियाद कही जा सकती है. पिछली फिल्म में अपनी प्रेमिका की हत्या और उसके हत्यारों तक न पहुंच पाने की खीज में बॉण्ड क्रूर और आक्रामक हो चुका है. बॉण्ड के गुस्से की एक वजह ये भी है कि उसके ऊपर मिशन को पूरी सफलता से अंजाम न दे पाने का धब्बा लग गया है. वो हत्यारों की खोज में चिली के रेगिस्तान से लेकर रूस के बर्फीले बियाबानों तक की खाक छानता है. इस दौरान वो पहुंचता है खलनायकों के एक समूह के बीच जिसका नाम है– क्वांटम. इसका मुखिया है मैथ्यू अमालरिक.
अंतरराष्ट्रीय संबंधों, उनसे पैदा होने वाले संकटों के बीच आगे बढ़ती फिल्म में बॉण्ड को सहारा देने के लिए दो नई बॉण्ड कन्याएं भी हैं जिन्हें पूर्ववर्ती बॉण्ड फिल्मों की तरह ही कॉस्मेटिक एडीशन कहा जा सकता है. ये नई बॉण्ड गर्ल्स है ओल्गा कुरिलेंको और जेमा आर्टर्टन. अंतरंग दृश्य, लिप–लॉक चुंबन और सागर तटों पर रुमानी छट्टियों जैसे बॉण्ड–मार्का मसाले क्वांटम ऑफ सोलेस में भी पर्याप्त मात्रा में है. लेकिन भारतीय दर्शकों को थोड़ी निराशा होगी क्योंकि सेंसर बोर्ड ने इन दृश्यों को उनके लिए मुफीद नहीं समझा है. शुरुआत से ही बॉण्ड धरती, अग्नि, जल, आकाश में खतरनाक गिरोहों को मात देता हुआ नजर आता है. फिल्म की तेज गति और उतना ही दनदनाता संगीत साथ में कसावट भरी पटकथा और डेनियल–अमालरिक का शानदार अभिनय दर्शकों को कहीं बोर होने का मौका नहीं देता. और जब फिल्म अगले पड़ाव की ओर जाती नजर आती है एक घंटे 46 मिनट की ये फिल्म वहीं खत्म हो जाती है. तमाम उत्तेजना, सनसनी, मारधाड़, हैरतअंगेज स्टंट और जबर्दस्त प्रचार के बाद भी क्वांटम ऑफ सोलेस एक लव–स्टोरी है. और अंत में क्वांटम ऑफ सोलेस देखने से पहले एक बार कसीनो रोयाल का सरसरी तौर पर मुआयना जरूर कर लें क्योंकि बॉण्ड की मृत प्रेमिका का साया पूरी फिल्म पर पड़ा है.
अतुल चौरसिया