नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए, जिनमें दागी प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने का सख्त प्रावधान शामिल है। इस प्रस्ताव के अनुसार, यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आरोपों में गिरफ्तार होता है और 30 दिनों तक जेल में रहता है, तो 31वें दिन उसे इस्तीफा देना होगा या उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा।
गृह मंत्री द्वारा पेश किए गए इन तीन विधेयकों में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
जैसे ही अमित शाह ने इन बिलों को सदन के पटल पर रखा, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष इन सख्त प्रावधानों को अलोकतांत्रिक बता रहा है।
विपक्षी हंगामे के बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि दागी मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने से संबंधित इस विधेयक को विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा। इसके बावजूद सदन में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी रहा।