प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, जिनमें अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी भी शामिल हैं, को कर्मयोगी पोर्टल के माध्यम से प्रतिवर्ष ऑनलाइन डिजिटल कोर्स को पूरा करना होगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अनिवार्य कर दिया है कि सभी कर्मचारी इन कोर्सों को पास करें, क्योंकि इसका सीधा असर उनकी एनुअल परफॉर्मेंस अप्रैजल रिपोर्ट यानी एपीएआर को प्रभावित करेगा।
डीओपीटी का यह आधिकारिक ज्ञापन मिशन कर्मयोगी के तहत एक मील का पत्थर है। पहले ये कोर्स अनिवार्य नहीं थे, लेकिन अब जुलाई 2025 से इन्हें अनिवार्य कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि सभी कर्मचारियों को, चाहे उनका पद कोई भी हो, पदोन्नति और सेवा रिकॉर्ड के लिए इन कोर्सों को पूरा करना होगा। इस कदम का उद्देश्य भूमिका आधारित प्रशिक्षण को मजबूत करना और सरकारी कर्मियों में दक्षता बढ़ाना है।
पूरा कार्यक्रम सख्त समयसीमा में बांधा गया है : 31 जुलाई तक ओरिएंटेशन कार्यशालाएं पूर्ण होनी चाहिए, 31 अगस्त तक कोर्स प्लान अपलोड होने चाहिए और 15 नवंबर तक असेसमेंट लाइव कर दिए जाएंगे। सभी कर्मचारियों को 31 मार्च 2026 तक अपने लक्ष्य और मूल्यांकन पूर्ण करने होंगे। अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक मंत्रालय, विभाग या संगठन को विभिन्न सेवा अवधि वाले कर्मचारियों (9, 16, 25 वर्ष व उससे अधिक) के लिए प्रति वर्ष कम से कम छह उपयुक्त कोर्स निर्धारित करने होंगे। कर्मचारियों को इनमें से कम से कम 50% कोर्स पूरे करने होंगे। पाठ्यक्रमों की पूर्ति का डेटा एपीएआर प्रणाली में स्वतः परिलक्षित होगा। साथ ही प्रत्येक अधिकारी को अपने सौंपे गए कोर्सों के आधार पर वार्षिक असेसमेंट पास करना होगा, यह मूल्यांकन भी उनके औपचारिक कार्य निष्पादन रिकॉर्ड का हिस्सा बनेगा।