तहलका ब्यूरो
कोरोना काल में मशहूर कव्वाल अफजाल साबरी का सोमवार को लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। 73 साल के अफजाल साबरी अपने बड़े भाई इकबाल साबरी के साथ मिलकर जोड़ी बनाते थे। दोनों भाइयों की जोड़ी ने बॉलीवुड में कई कव्वालियों और सूफियाना कववलियीं से अलग पहचान बनाई थी। सबरी ब्रदर्स ने दर्जनों हिंदी फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। अफजाल साबरी के निधन से देवबंद से लेकर बॉलीवुड में शोक कायम हो गया है।
1949 में देवबंद में उस्ताद बशीर अहमद के यहां जन्मे अफजाल साबरी ने अपने बड़े भाई इकबाल साबरी के साथ मिलकर गायकी का फन सीखा। इकबाल साबरी का करीब सात साल पूर्व निधन हो गया था। इसके बाद से ही अफजाल साबरी भी बीमार रहने लगे थे। और वह गायकी की दुनिया से पूरी तरह अलग हो गए थे।
ढाई दशक तक कव्वाली के क्षेत्र में अपनी धाक जमाने वाले और प्यार किया तो डरना क्या, राजकुमार और गुलाम-ए-मुस्तफा जैसी मशहूर फिल्मों में आवाज दे चुके अफजाल साबरी का इंतकाल कला व साहित्य क्षेत्र के लिए बड़ी क्षति है। फनकार के निधन से कला और संगीत जगत की भरपाई करना मुश्किल है।