अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच तालिबान के साथ शांति के लिए क़तर की राजधानी दोहा में हुए ऐतिहासिक समझौते के बाद अब काबुल में अफगान राष्ट्रपति का बयान आया है। अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान सरकार ने 5,000 तालिबान कैदियों को रिहा करने के लिए प्रतिबद्धता नहीं जताई है, जैसा कि अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
गनी ने काबुल में कहा कि अफगान जेलों से अपने कैदियों की रिहाई की मांग हार्डलाइन समूह के साथ सीधी बातचीत के लिए पूर्व शर्त नहीं हो सकती है। अमेरिका और तालिबान के बीच शनिवार के समझौते ने कहा कि दोनों युद्ध और राजनीतिक कैदियों के बीच एक भरोसा कायम करने को प्रतिबद्ध हैं। इससे दोनों पक्ष सहमत हैं।
ऐतिहासिक समझौते के मुताबिक, अफगानिस्तान में 5,000 से अधिक जेलों में बंद तालिबान के सदस्यों को 10 मार्च तक 1,000 तालिबान द्वारा बंधक बनाए गए सरकारी कर्मियों के बदले में रिहा किया जाएगा। 2009 के बाद से हमलों में करीब 1,00,000 अफगानी नागरिक मारे जा चुके हैं। इनमें कई सैनिक शामिल हैं। 18 साल में करीब 3500 अमेरिकी सैनिक मारे जा चुके हैं।