2019 में कैमरे की नज़र से

नये साल का आगाज़हो चुका है, ‘तहलका’ फोटो डेस्क ने देश और दुनिया में 2019 में राजनीति, कारोबार, सिनेमा, खेल और अन्य घटनाओं को अपनी नज़र देखा, तो पाया कि राजनीति और चुनाव दोनों ही टॉप पर रहे। उस साल के सबसे चर्चित घटनाओं में शुमार रहीं-पुलवामा आतंकी हमला, विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान, कश्मीर से अनुच्छेद हटाना, मिशन चंद्रयान-2, नागरिकता संशोधन अधिनियम और महिला सुरक्षा। इनमें से कई अहम फैसले रहे, जिनके विरोध में लोग सडक़ों पर उतरे।

2019 लगभग हर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का वर्ष था। जबकि खेल में भी महिलाओं ने अपना पदक जीतकर रिकॉर्ड बनाये, तो विज्ञान के क्षेत्र में भी दमदार काम किया साथ ही सशस्त्र बलों में भी अपनी उपास्थिति दर्ज कराकर इतिहास में नाम दर्ज किया। इस बीच भारतीय राजनीति ने पिछले साल हुए लोक सभा चुनाव 78 महिला सांसद चुनकर आयीं। कुल मिलाकर अब तक का सबसे बड़ा संकेत है कि वे साँचे को तोड़ रही हैं और किसी भी जोखिम को उठाने से पीछे नहीं हटती हैं।

भारत के ई कॉमर्स उद्योग के लिए वर्ष 2019 की शुरुआत नये सरकारी नियमों के साथ हुई थी, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र को कारगर बनाना था, उसकी प्रतिक्रिया मिश्रित रही। इसमें मंदी का भी दौर रहा; लेकिन ई कॉमर्स ने देश ग्रामीण इलाके तक में पहुँच बनायी। सरकार द्वारा ऑनलाइन मार्केट प्लेस के लिए पेश किये गये नये एफडीआई नियम पहले की नीति के लगभग उलट थे, जहाँ उन्हें उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष सौदों में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। इससे भी महत्त्वपूर्ण बात, ऑनलाइन मार्केट प्लेस एक वेंडर से उनकी आपूर्ति के 25 प्रतिशत से अधिक का स्रोत नहीं बना सके। काफी छूट पर अंकुश लगाने के लिए भी कदम उठाये गये।

याहू इंडिया के अध्ययन के अनुसार, साइबर स्पेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 में लगातार दूसरी बार भारत में ऑनलाइन सर्च की गयी शिख्सयत रहे। क्रिकेटर एमएस धोनी और अभिनेता प्रियंका चोपड़ा जोनस जैसी हस्तियाँ भी इस सूची में शामिल रहीं। अभिनंदन वर्धमान ने शीर्ष 10 में रहे; क्योंकि पाकिस्तान ने अपने कब्ज़े में लेने के बाद महज़कुछ घंटों के बाद ही उसे रिलीज करना पड़ा। वयोवृद्ध भाजपा नेता अरुण जेटली भी इस सूची में शामिल रहे, जिनकी असामयिक मृत्यु पर हर राजनीतिक दल के नेताओं ने शोक जताया।

भारत ने पिछले साल कई दिग्गजों को खो दिया। सुषमा स्वराज, जो पाँच साल विदेश मंत्री रहीं, उनका निधान अगस्त में हुआ। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली भी नहीं रहे। प्रख्यात वकील और राजनीतिज्ञ राम जेठमलानी का भी पिछले साल निधन हो गया। सीसीडी के मालिक वीजी सिद्धार्थ की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी। 2019 में इस दुनिया को छोडक़र जाने वालों में वशिष्ठ नारायण सिंह जैसे महान् गणितज्ञ शामिल थे, जिन्होंने आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती दी थी; टीएन सेशन, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त; तीन बार की दिल्ली की सीएम रहीं शीला दीक्षित; गोवा के मुख्यमंत्री व पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा और पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस। नौकरशाहों में देश ने पूर्व विदेश सचिव केपीएस मेनन (जूनियर) और भारत की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य भी दुनिया को अलविदा कह गयीं। इनके अलावा साहित्यकार नबनीता देव सेन, साहित्य अकादमी विजेता लेखक और हिन्दी की मशहूर लेखिका कृष्णा सोबती भी पंचतत्त्व में विलीन हो गयी। िफल्मी जगत की बात करें तो देश के िफल्म ‘शोले’ के कालिया विजू खोटे, जाने-माने संगीतकार खय्याम; अभिनेता श्रीराम लागू; अनुभवी अभिनेत्री विद्या सिन्हा; अभिनेत्री-निर्देशक विजया निर्मला; दिग्गज फिल्म और थिएटर व्यक्तित्व गिरीश कर्नाड और दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता और लेखक कादर खान भी पिछले साल अलविदा कह गये।