पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 से जारी तनाव को घटाने के लिए भारत और चीन की सेना के बीच 16वें दौर की बातचीत 17 जुलाई को होगी। भारतीय पक्ष की अगुवाई 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए सेनगुप्ता करेंगे वहीं दूसरी तरफ चीन की तरफ से दक्षिण तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन करेंगे।
दोनों देशों के बीच बातचीत का मुख्य मुद्दा सेना के डिसएंगेजमेंट यानी सैनिकों को गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग, पैंगोंग त्सो के अलावा देपसांग और देमचोक व अन्य पर पीछे हटने पर ठोस बातचीत रहेगा।
गौरतलब है दोनों देशों के विदेश मंत्री पिछले हफ्ते जी 20 बैठक के दौरान बाली में मिले थे। साथ ही दोनों मंत्रियों ने आपसी रिश्ते को बेहतर करने पर जोर दिया था। किंतु फिलहाल पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की 50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात है।
आपको बता दें, भारत-चीन के बीच वर्ष 2020 में शुरू हुआ टकराव आज तक खत्म नहींहुआ है। और दोनों देशों की सेनाएं देपसांग और डेमचोक जैसे इलाकों में आमने-सामनेहै। इस मुद्दे पर भारत-चीन की 15 दौर की बैठक हो चुकी है किंतु दोनों देशों के बीचसैन्य वार्ता अभी नहीं हुई है। ऐसे में यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।इससे पहले दोनों देशों के बीच वार्ता लद्दाख के चुशूल मोल्दो में मार्च मेंहुई थी। जिसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के कमांडरलेफ्टिनेंट-जनरल अनिंघ सेनगुप्ता और चीन की ओर से दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिलाप्रमुख मेजर जनरल यांग लिन ने किया था।