अंजलि भाटिया
नई दिल्ली , 23 जून- देश की प्रमुख विमानन कंपनियों में बीते तीन वर्षों के दौरान तकनीकी गड़बड़ियों के 1426 मामले सामने आए, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने किसी भी कंपनी को न तो कोई नोटिस भेजा है और न कोई सख्त कार्रवाई की गई है । संसद में पेश किए गए आधिकारिक आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले तीन वर्षों (2022 से 2024) के दौरान देश में आठ कंपनियों के विमानों में तकनीकी खराबी की 1426 घटनाएं सामने आई हैं। सबसे अधिक त्रुटियाँ इंडिगो (717), स्पाइसजेट (327) और एयर इंडिया लिमिटेड (220), एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड (93) विमानों में पाई गईं। हालाँकि, नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने पिछले एक साल में एक भी कंपनी को नोटिस जारी नहीं किया है और एक भी कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। एयर एशिया, अलायंस एयर, विस्तारा और अक्सा एयर के विमानों में भी मामूली स्तर की खामियां दर्ज की गईं।
12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान के हादसे में 241 यात्रियों और कर्मचारियों, साथ ही 29 मेडिकल छात्रों की मौत हुई थी। इस बड़े हादसे के बाद DGCA ने पहली बार कोई ठोस कदम उठाया और एयर इंडिया के तीन अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए। इससे पहले किसी भी मामले में कोई जवाबदेही तय नहीं की गई थी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की वेबसाइट पर 2023-24 की सालाना रिपोर्ट तो मौजूद है, लेकिन 2021-22 और 2022-23 की रिपोर्टें नदारद हैं। वहीं, 2024-25 की रिपोर्ट वेबसाइट पर खुल ही नहीं रही। DGCA की वेबसाइट पर 1960 से 2011 तक की दुर्घटनाओं की जानकारी है, लेकिन उसे आखिरी बार 1 जुलाई 2015 में अपडेट किया गया था। अंतिम दुर्घटना जांच रिपोर्ट 2002 की है। बेल 206 बी-3, वीटी-डीएपी हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष जीएमसी बालयोगी, पायलट कैप्टन जी वी मेनन और बालयोगी के निजी सचिव के.एस. राजू की मौत हो गई थी। वेबसाइट पर कोई अनुवर्ती जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जुलाई 2012 से 2025 तक कुल 102 विमान दुर्घटनाएं हुई हैं। सबसे अधिक 12 दुर्घटनाएं 2022 में हुईं। इसी अवधि में 121 गंभीर घटनाएं भी दर्ज की गईं। सबसे अधिक 27 घटनाएं 2019 में हुईं।
2022 से मार्च 2025 तक विमानों को बम की धमकी से जुड़ी कुल 836 कॉल्स मिलीं। 2024 में ही 728 धमकी कॉल्स आए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
2022 से 2024 तक कंपनी को मिली तकनीकी खामियां
इंडिगो 717
स्पाइसजेट 327
एयर इंडिया लिमिटेड 220
एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड 93
एयर एशिया 24
एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड 20
एक्सटेंशन 17
अक्सा एयर 8