संसद में बजट के दूसरे सत्र में राज्यसभा में बुधवार को भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगले आठ से 10 साल तक पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर अभी इसे जीएसटी के दायरे में लगाया गया तो इससे राज्यों को दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
राज्यसभा में सुशील कुमार मोदी ने वत्ति विधेयक, 2021 पर चर्चा के दौरान कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्र और राज्यों को मलिाकर पांच लाख करोड़ रुपये कर के तौर पर मिलते हैं। भाजपा नेता ने पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की मांग को अव्यवहारिक बताया।
सुशील मोदी का का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि कुछ राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुकी हैँपेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर काबू के लिए उन्हें जीएसटी के दायरे में लाने की मांग होती रही है।
100 रुपये लीटर में 60 रुपये सरकार के
सुशील मोदी ने कहा कि अभी जीएसटी में कर की अधिकतम दर 28 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अभी की स्थिति में 100 रुपये में 60 रुपये कर के होते हैं। उन्होंने कहा कि इस 60 रुपये में केंद्र को 35 व राज्यों को 25 रुपये मिलते हैं। इसके अलावा केंद्र के 35 रुपये का 42 प्रतिशत भी राज्य को ही मिलता है।