बैंक फ्रॉड के एक मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें राष्ट्रीय जवादेही ब्यूरो (एनबीए) ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनकी जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका को मंजूर नहीं किया जिससे उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक वह पहले से इस मामले में जमानत पर थे, लेकिन सोमवार को अदालत ने जमानत अवधि में विस्तार देने से इनकार कर दिया।
जरदारी को फर्जी बैंक खातों के मामले गिरफ्तार किया गया है। पूरा मामला साढ़े चार बिलियन पाकिस्तानी रुपये का है। मंगलवार को जरदारी को अदालत के सामने पेश किया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति जरदारी अभी अंतरिम जमानत पर थे।
इसी मई में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भ्रष्टाचार के छह मामलों में इस्लामाबाद हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निगरानी संस्था इन मामलों की जांच कर रही है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की ओर से अदालत में पेश ११ पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार ३६ जांच मामलों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष का नाम है और एनएबी का दावा है कि कम से कम आठ मामलों में जरदारी की भूमिका साबित हुई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यायमूर्ति उमर फारुक की अगुवाई वाली दो न्यायाधीशों की पीठ ने छह मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी बेटी फरयाल तलपुर को अंतरिम जमानत दे दी थी। अदालत ने जरदारी को धनशोधन मामले में ३० मई तक की अंतरिम जमानत दी थी। उन्हें ओपल २२५ संपत्ति से संबंधित जांच के मामले में भी १२ जून तक अंतरिम जमानत दी गई थी।
गौरतलब है कि हाल ही में जरदारी ने प्रधानमंत्री इमरान खान को हटाने का संकल्प करते हुए सरकार पर देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगाया था। उनहोंने कहा था कि यदि प्रधानमंत्री को जल्द हटाया नहीं जाता है तो वह देश को ऐसी स्थिति में ले जाएंगे जहां से हमारे लिए भी देश को चलाना मुमकिन नहीं होगा।
फ़र्ज़ी बैंक खाता मामले में ज़रदारी गिरफ्तार
पाक के पूर्व राष्ट्रपति अंतरिम ज़मानत पर थे अभी तक