चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के उस दावे को झूठ और फ़र्ज़ी करार दिया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अमेठी में मतदान के दौरान उनके प्रतिद्वंदी राहुल गांधी बूथ कैप्चरिंग करवा रहे हैं। आयोग के इस फैसले से स्मृति ईरानी को तगड़ा झटका लगा है। आयोग ने जांच के बाद पाया कि स्मृति ईरानी की तरफ से राहुल गांधी के खिलाफ लगाए गए आरोप वास्तव में गढ़े गए हैं, यानी वे फ़र्ज़ी थे।
इस मामले में पत्रकारन से बातचीत में आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) वेंकटेश्वर लू ने स्मृति ईरानी के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा- ”शिकायत के बाद, सेक्टर अधिकारी, वरिष्ठ अधिकारियों और यहां तक कि पर्यवेक्षकों ने बूथ पर पहुंचकर राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंट्स, मतदान केंद्र के अन्य अधिकारियों से बात की, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि वीडियो क्लिप में आरोप गढ़े गए थे।”
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि क्लिप में प्रथम दृष्टया आरोपों के कारण जांच के दौरान पीठासीन अधिकारी को हटा दिया गया था। कांग्रेस ने भी स्मृति ईरानी के आरोपों को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि चूंकि समृति को पता है कि उन्हें अमेठी में हार का सामना करना पड़ रहा है लिहाजा वो बहाने तलाश रही हैं।
याद रहे अमेठी में मतदान के ही दौरान स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर दिया था जिसमें एक बुज़ुर्ग महिला यह दावा कर रही थी कि उससे जबरन कांग्रेस को वोट दिलवाया गया, जबकि वह भाजपा को वोट करना चाहती थी। वीडियो को पोस्ट करते हुए स्मृति ईरानी ने चुनाव आयोग से राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि देश के लोगों को अब फैसला लेना है कि इस तरह की राजनीति के लिए राहुल गांधी को सज़ा दी जाए या नहीं। अब स्मृति ईरानी के पोस्ट किये इस वीडियो को आयोग ने फ़र्ज़ी माना है। इससे ईरानी को तगड़ा झटका लगा है।
गौरतलब है कि ईरानी अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। पिछले २०१४ के चुनाव में वे मोदी की लहर के बावजूद एक लाख से ज्यादा वोटों के बड़े अंतर से हार गयी थीं।