आखिर फ़र्ज़ी डिग्री मामले में फंसे अंकिव बसोया को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने गुरूवार को संगठन से बाहर कर दिया। विरोधी संगठन एनएसयूआई इसे लेकर काफी दिन से मुद्दा बनाये हुए है।
अब संगठन ने कहा है की जब तक अंकिव के खिलाफ जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक उनपर की गयी कार्रवाई अमल में रहेगी। इसके आलावा संगठन की सभी जिम्मेदारियों से भी उन्हें मुक्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि अंकिव बसोया पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री के सहारे डीयू में एडमिशन लिया है।
एनएसयूआई ने पहले दिन से ही अंकिव बसोया की स्नातक डिग्री को फर्जी बताया था और डीयू के वाइस चांसलर को चिट्ठी लिखकर बसोया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। हालाँकि एनएसयूआई का आरोप है कि उसकी शिकायत पर वाइस चांसलर ने कोइ कार्रवाई नहीं की। वैसे अंकिव बसोया ने इस पूरे विवाद को विपक्ष की ”चाल” बताया था। हालांकि आरोप के बाद एक बार जब उनसे उनके बैचलर्स के विषयों के बारे में पूछा गया, तो बसोया इसके बारे में कुछ नहीं बता सके थे।
हालाँकि विवाद बढ़ने पर अब डूसू प्रेजिडेंट अंकिव की फर्जी डिग्री के मामले में विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि ”जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक बसोया को पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है”।
गौरतलब है की बसोया के सर्टिफिकेट के मुताबिक उन्होंने तिरुवल्लुर यूनिवर्सिटी से बैचलर्स किया है। कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई ने उनकी डिग्री को फर्जी बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल अंकिव की डिग्री की जांच चल रही है, लेकिन इससे पहले ही विद्यार्थी परिषद ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है।