होली का पर्व रंगों व खुशी का पर्व है । इस पर्व में लोग रंगों ओर गुलाल को एक दूसरे पर लगाते है।अगर रंग शरीर में कैमिकल युक्त लगा रह जाये तो काफी नुकसान दायक साबित हो सकती है।
एम्स के नैत्र रोग विशेषज्ञ डाँ आलोक कुमार का कहना है कि कैमिकल युक्त रंगों का सबसे अधिक आँखों पर होता है। जिससे आँखों की रोशनी तक जा सकती है। इसलिये होली खेले पर सावधानी से जिससे आँखों को किसी तरह का नुकसान ना हो सकें।
साकेत मैक्स अस्पताल के डाँ विवेका कुमार ने बताया होली के पर्व में कुछ लोग भांग और शराब का सेवन कर लेते है। जो हेल्थ के लिये काफी नुकसानदायक होता है। डाँ विवेका कुमार का मानना हैं। कि कई वार लोग खुशी में इतने मस्त हो जाते है कि अपने स्वास्थ्य तक का ध्यान नहीं देते है।ऐसे में हार्ट रोगी को अपने रक्त चाप ओर मधुमेह रोगी को नियंत्रित रखना चाहियें।
कालरा अस्पताल के डायरेक्टर डाँ आर एन कालरा ने बताया कि हर साल होली के पर्व में नशे के सेवन से खासकर युवा तमाम बीमारियों की चपेट में आ रहे है। इस समय तो देश में कोरोना वायरस हडकंप मचाये हुये है। इसलिये होली का जश्न मनायें पर सावधानी से क्योंकि कैमिकल युक्त रंगों में इंफेक्शन हो सकता इसलिये रंगों के प्रयोग से बचें। त्वचा के साथ साथ रंगों का सबसे घातक असर आँखों पर होता है।त्योहारी सीजन में कई कई दिनों पहलें बनी मिठाईयां बाजारों में बिकती है उनके सेवन से बचना चाहिये ताकि पेट संबंधी बीमारी ना हो सकें । उन्होंने बताया कि मिठाईयों से इफेक्शन हो सकता है।