हैदराबाद और अन्य जगह लड़कियों और महिलाओं से हो रही दरिंदगी के खिलाफ संसद में सोमवार को एकसुर आवाज सुनाई दी। देश भर में हैदराबाद की घटना को लेकर पैदा हुए गुस्से से सहमति जताते हुए सदस्यों ने इस तरह के घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई। सपा सदस्य जया बच्चन ने तो ऐसे दोषियों की “जनता के हाथों लिंचिंग” की मांग कर दी। सदस्यों के गुस्से से सहमति जताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना की निंदा की और कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सदन में कठोर कानून बनाने पर सहमति बनेगी तो सरकार इसके लिए तैयार है।
राज्य सभा में इस गंभीर मसले पर कांग्रेस सदस्य गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि कोई भी सरकार या नेता नहीं चाहेगा कि ऐसी घटना उनके राज्य में घटित हो। ऐसी समस्या सिर्फ कानून बनाने से हल नहीं हो सकती। ऐसे कृत्यों को मिटाने के लिए एक साथ खड़े होने की जरूरत है।
कांग्रेस की ही अमी याजनिक ने कहा – ”मैं ज्यूडिशरी, विधायिका, कार्यपालिका और अन्य सभी सिस्टम्स से अपील करती हूं कि वह सामाजिक परिवर्तन के लिए आगे आएं। यह तत्काल प्रभाव से होना चाहिए।”
सपा सदस्य जया बच्चन ने कहा कि जहां घटना हुई वहीं पर एक और हादसा एक दिन पहले हुआ था। जो लोग वहां पर काम पर तैनात थे, क्या उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया। ऐसे लोगों को पूरे देश के सामने शर्मिंदा करना चाहिए, क्योंकि वह अपनी कार्य को अंजाम देने में नाकामयाब रहे। अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने इस मौके पर तेलंगाना सरकार के ढुलमुल रवैये पर सवाल उठाया।
एआईडीएमके की विजिला सत्यानंत इस मामले पर बोलते हुए भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि देश बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। इस अपराध को अंजाम देने वाले चार लोगों को ३१ दिसंबर से पहले मौत की सजा दी जानी चाहिए। फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए। न्याय में देरी न्याय न देने के बराबर है।
संजय सिंह ने कहा कि हैदराबाद की घटना हुई, रांची में भी ऐसी घटना हुई और दिल्ली में भी नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ। निर्भया कांड के बाद पूरा देश आंदोलित हुआ था। सब ने मांग की थी इस बुराई को खत्म करना है सख्त कानून भी बना लेकिन सख्त कानून का पालन कहां हो रहा है।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि ‘हैदराबाद में जो हुआ वह हमारे समाज और मूल्य प्रणाली के लिए अपमानजनक है। हमें देखना चाहिए कि ऐसी चीजें क्यों हो रही हैं और हमें उपायों की तलाश करनी चाहिए। मैं चाहता हूं कि सभी सुझाव दें। उन्होंने कहा कि बलात्कारियों को कोई दया नहीं दी जानी चाहिए। कोई नया बिल नहीं चाहिए, बल्कि इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
आरके सिन्हा ने सवाल किया कि क्या हम इतने संवेदनहीन हो गए हैं। हमने निर्भया फंड बनाया लेकिन राज्य सरकार ने उस पर को खर्च नहीं कर पा रही। ऐसे अपराधियों को तत्काल फांसी की सजा होनी चाहिए इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना की निंदा करते हुए लोकसभा में कहा कि अगर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सदन में कठोर कानून बनाने पर सहमति बनेगी तो सरकार इसके लिए तैयार है। उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान हैदराबाद की घटना के संदर्भ में यह टिप्पणी की।
लोकसभा में ही स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि देश में जो घटनाएं घट रही हैं, उस पर संसद भी चिंतित हैं। इसलिए प्रश्न काल के बाद इस पर चर्चा की अनुमति दी गयी है।