हेपेटाइटिस को नजरअंदाज ना करें

विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर आज लीवर रोग व हेपेटाइटिस रोग विशेषज्ञों का कहना है कि हेपेटाइटिस 5 प्रकार का होता है। ए,बी,सी,डी और ई । हेपेटाइटिस एड्स से ज्यादा खतरनाक है। इसमें जरा सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है।

एम्स के लीवर रोग विशेषज्ञ डाँ संदीप का कहना है कि हेपेटाइटिस संक्रमित रक्त और गंदे पानी के सेवन से भी होता है। यानि कि संक्रमण की वजह से लीवर तक डैमेज हो जाता है। आई एल वी एस के डाँ शांतनु दुबे ने बताया कि हेपेटाइटिस रोगियों के बढ़ने की मुख्य वजह जागरूकता का अभाव व समय पर इलाज का ना कराना है। जिसके कारण ये रोग तेजी से अपनी गिरफ्त में ले लेता है। आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ अनिल बंसल का कहना है कि हेपेटाइटिस एक गंभीर रोग है। जिसके मूल में है। संक्रमण का होना है। गंदे पानी के सेवन से संक्रमित इंजेक्शन से मरीजों को रक्त चढ़ाने से हेपेटाइटिस रोग आसानी से हो जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में अन्य रोग से पीडितों को सही से उपचार नहीं मिल पाया है।डाँ बंसल का कहना है कि जागरूकता के अभाव में व समय पर इलाज होने के कारण लीवर रोग और लीवर कैंसर के मामले तेजी से बड़े है। बचाव के तौर पर इन लक्षणों को नजरअंदाज ना करें जैसे बुखार का आना, आँखों में पीलापन, पीले पेशाब का आना, कमजोरी का महसूस होना आदि शामिल है।