दिल्ली हाई कोर्ट ने हुक्का पीने के चलते एक छात्र पर स्कूल की लगाई पाबंदी हटा दी है। मामले में छात्र ने दिल्ली हाई कोर्ट की शरण ली थी। इस पर अदालत ने कहा कि छात्र को स्कूल में प्रवेश से नहीं रोक सकते साथ ही एक नामी स्कूल और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है।
जस्टिस राजीव शकधर ने छात्र की ओर से दायर याचिका पर कहा कि हुक्का पीने के चलते स्टूडेंट को कक्षा में प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता। अगर ऐसा किया गया तो उसकी पढ़ाई के नुकसान के साथ ही भविष्य भी खराब हो सकता है। कोर्ट ने मामले में कालका पब्लिक स्कूल और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। स्टूडेंट की ओर से यह याचिका वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की और उसे स्कूल में प्रवेश पर रोक लगाने से छात्र की पढ़ाई के नुकसान के बारे में अदालत को अवगत कराया। अधिवक्ता ने कहा कि याची अभी नौवीं क्लास में है और उसने पढ़ाई की शुरुआत इसी स्कूल से ही की थी।
स्कूल ने क्यों लगाई पाबंदी
दरअसल, अक्तूबर में दोंस्तों के साथ छात्र का बर्थडे पार्टी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें छात्र अपने दोस्तों के साथ हुक्का पीते नजर आ रहा है। यह वीडियो स्कूल का नहीं था और न ही छात्र ने स्कूल की ड्रेस पहन रखी थी। इस वीडियो के बाद ही स्कूल प्रशासन ने छात्र के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। हालांकि परिजनों ने छात्र की इस गलती के लिए स्कूल प्रबंधन से माफी भी मांग ली थी। बावजूद इसके छात्र को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया था।